मां-बाप समेत पूरे परिवार की गड़ासे से काट डाली थी गर्दन, अब कोर्ट ने पति-पत्नी को सुनाई मौत की सजा
माता-पिता सहित परिवार के 6 लोगों की निर्मम हत्या के मामले में लखनऊ के दंपति को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने अजय सिंह पर 1.55 लाख रुपये और रूपा सिंह पर 1.50 लाख जुर्माना लगाया है। अप्रैल 2020 में दंपति ने 6 लोगों की गड़ासे से काटकर हत्या कर दी थी।
माता-पिता सहित परिवार के छह लोगों की निर्मम हत्या के मामले में लखनऊ के बंथरा थाने के गोदौली गांव निवासी अजय सिंह और उसकी पत्नी रूपा सिंह को विशेष न्यायाधीश रोहित सिंह ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने अजय सिंह पर 1.55 लाख रुपये और रूपा सिंह पर 1.50 लाख जुर्माना लगाया है। दोनों को 16 जनवरी को कोर्ट ने दोषी ठहराया था। जिला परिवीक्षा अधिकारी एवं जेल के जरिए दोषी की मानसिक स्थिति की रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार को दोनों को सजा सुनाई गई।
सुनवाई के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी, अपर जिला शासकीय अधिवक्ता एमके सिंह एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कमलेश कुमार सिंह ने छह निर्दोषों की हत्या के लिए दोनों को मृत्युदंड दिए जाने की मांग की। तर्क दिया कि दोनों ने एक उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपने माता-पिता,भाई एवं भाई की पत्नी सहित दो छोटे-छोटे बच्चों की भी हत्या कर दी।
भाई को संपत्ति देने की आशंका में किया कत्ल
एमके सिंह एवं कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि लोमहर्षक घटना की रिपोर्ट हत्यारे अजय सिंह की सगी बहन दुर्गावती सिंह उर्फ गुड्डी ने एक मई 2020 को बंथरा थाने में दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया है कि उसे सूचना मिली कि 30 अप्रैल 2020 को उसके भाई अजय सिंह, भाभी रूपा सिंह तथा उसके नाबालिग बेटे (पुत्र, पुत्रवधू एवं पोते) ने आपस में षड्यंत्र कर उसके पिता अमर सिंह, माता राम दुलारी, भाई अरुण सिंह, भाभी राम सखी, भतीजा सौरभ व भतीजी सारिका की गड़ासे से गर्दन काट दी और गोली मारकर हत्या कर दी।
गुड्डी सिंह ने रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया कि उसका भाई अजय सिंह अपने पिता से रुपये की मांग करता था तथा उसे आशंका थी कि पिता जमीन बेच कर सारा पैसा छोटे भाई अरुण व उसकी पत्नी राम सखी को दे देंगे। इसी वजह से उसने अपनी पत्नी एवं नाबालिग बेटे के साथ मिलकर पिता सहित पांच लोगों की बाग में तथा बूढ़ी मां की घर में गड़ासे से गला काटकर हत्या कर दी। विवेचना में तीसरे आरोपित को नाबालिग पाते हुए उसका मामला जुवेनाइल कोर्ट भेज दिया गया।
अदालत में मूक खड़े रहे हत्यारे दंपति
अदालत में सुनवाई के समय वादिनी गुड्डी सिंह उर्फ दुर्गावती मौजूद थी। अजय सिंह एवं रूपा सिंह को विशेष सुरक्षा के बीच जेल से अदालत में पेश किया गया। यद्यपि अदालत ने इन दोनों आरोपितों को अलग से दंड के प्रश्न पर व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की। दोनों आरोपित न्यायालय के कठघरे में मूक बनकर खड़े रहे। आरोपितों की ओर से उनके वकीलों द्वारा कहा गया कि यह उनका पहला अपराध है, जिसके कारण कम से कम कम सजा सुनाई जाए। इस मामले में अभियोजन की ओर से 8 गवाह तथा 31 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए गए, जिनके आधार पर अदालत ने दोनों को घटना का दोषी ठहराया था।