Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़engineer troubled by wife case commits suicide said justice is not given ashes will be thrown gutter in front of court

इंसाफ ना मिले तो अस्थियां कोर्ट के सामने गटर में बहा देना, पत्नी के केस से परेशान इंजीनियर ने जान दे दी

बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले 34 वर्षीय एआई इंजीनियर अतुल सुभाष ने बेंगलुरु में खुशकुशी कर ली है। आत्महत्या से पहले अतुल ने 1.21 घंटे का एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानWed, 11 Dec 2024 02:42 PM
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बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले 34 वर्षीय एआई इंजीनियर अतुल सुभाष ने बेंगलुरु में खुशकुशी कर ली है। आत्महत्या से पहले अतुल ने 1.21 घंटे का एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला है। इसमें अपनी पत्नी और ससुराल पक्ष के पांच लोगों पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही पुलिस, प्रशासन, महिला आयोग समेत पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं। इंजीनियर ने ससुराल पक्ष के लोगों पर कार्रवाई की मांग करते हुए इंसाफ मांगा है। उसने मरने के से पहले जो टी-शर्ट पहन रखी है उस पर भी Justice is Due लिखा है। उनसे वीडियो में यह भी कहा कि मरने के बाद भी इंसाफ न मिले तो अस्थियां कोर्ट के सामने गटर में बहा दी जाएं।

अतुल सुभाष की शादी उत्तर प्रदेश के जौनपुर की निकिता सिंघानिया से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद निकिता अचानक बेंगलुरु छोड़कर जौनपुर लौट गई और पति समेत ससुरालवालों पर दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का केस दर्ज करा दिया। अतुल ने अपनी मौत से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा और डेढ़ घंटे का एक वीडियो बनाया, जिसमें उन्होंने अपनी पीड़ा को व्यक्त किया। उन्होंने अपने सुसाइड नोट और वीडियो में पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साला अनुराग सिंघानिया उर्फ पीयूष, और चचेरे ससुर सुशील सिंघानिया को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया।

वीडियो में अतुल ने बताया कि कैसे और कहां उसकी और जौनपुर के रुहट्टा निवासी नीकिता की शादी हुई। बताया कि उनके ससुर यानि नीकिता के पिता अक्सर बीमार रहते थे। उनका इलाज चल रहा था, इसलिए कम उम्र में ही शादी हो गई। शादी के बाद सबकुछ ठीक चल रहा था। इसी बीच ससुर की मौत हो गई। उस घटना के बाद ससुराल वालों के साथ मिलकर नीकिता ने मुकदमा दर्ज करा दिया कि दहेज में मैंने 10 लाख रुपये की मांग की। पैसा न होने के कारण चिंतित हुए नीकिता के पिता की मौत हो गई। अतुल के अनुसार, उन्हें बार-बार कोर्ट में तारीख देकर बुलाया जाता था। इससे उसपर आर्थिक बोझ, मानसिक बोझ पड़ने लगा।

अतुल ने जौनपुर के एक कोर्ट के फैसले का भी जिक्र करते हुए असंतोष जताया है। कहा कि पत्नी ने दहेज उत्पीड़न, मारपीट, अप्राकृतिक दुष्कर्म सहित कुल नौ फर्जी मुकदमे दर्ज कराए। मुकदमे की वजह से उन्हें बेंगलुरु से जौनपुर आना पड़ता था। वीडियो में दावा किया कि कोर्ट में 120 तारीखें लग चुकी हैं। पेशी के लिए वह 40 बार खुद बेंगलुरु से जौनपुर आ चुके हैं। उनके माता पिता को भी चक्कर काटने पड़ रहे हैं। पीड़ित ने इसके लिए पत्नी, सास, साले और पत्नी के चाचा को जिम्मेदार ठहराया।

पत्नी और ससुरालियों ने पैसे ऐंठने के लिए साजिश रची

अतुल ने कहा कि उनकी पत्नी और ससुरालवालों ने पैसे ऐंठने के लिए साजिश रची। उनके खिलाफ दहेज, घरेलू हिंसा, हत्या का प्रयास, और अननेचुरल सेक्स जैसे गंभीर झूठे आरोप लगाए गए। इन मामलों के तहत अतुल और उनके परिवार को बार-बार कोर्ट जाना पड़ा। अतुल ने बताया कि अब तक 120 से अधिक बार केस की सुनवाई हुई और 40 बार उन्हें बेंगलुरु से जौनपुर जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि अधिकतर तारीखों पर कोर्ट में कोई काम नहीं होता, कभी जज नहीं होते, तो कभी हड़ताल होती।

दो लाख हर महीने गुजारा भत्ता मांग रही

अतुल के अनुसार, उनकी पत्नी ने तलाक के बदले हर महीने दो लाख रुपये गुजारा भत्ता मांगा। इसके साथ ही, उनके बच्चे को उनसे दूर कर दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि जौनपुर की प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट जज ने उन पर तीन करोड़ रुपये की एलिमनी देने का दबाव बनाया। अतुल ने दावा किया कि कोर्ट में पेशकार को रिश्वत देनी पड़ती है। जब उन्होंने रिश्वत देने से इनकार किया तो उनके खिलाफ हर महीने 80 हजार रुपये मेंटिनेंस देने का आदेश जारी कर दिया गया।

जज से अपील, माता-पिता को परेशान न करें

मरने से पहले अतुल ने जूडिशियरी से अपील की कि उनके माता-पिता को परेशान न किया जाए। उन्होंने पत्नी से गुजारिश की कि उनके बच्चे की परवरिश उनके माता-पिता को करने दी जाए। साथ ही, उन्होंने अपनी अस्थियों को तब तक विसर्जित न करने की हिदायत दी जब तक न्याय न मिल जाए। उन्होंने कहा कि अगर न्याय नहीं मिलता है तो मेरी मौत के बाद मेरी अस्थियां कोर्ट के सामने गटर में बहा देना।

घर की दीवारों पर भी लिखा न्याय बाकि है

अतुल ने अपने घर के भीतर एक प्लेकार्ड लगाया, जिस पर लिखा था, “न्याय बाकी है।” यह वाक्य उनके दर्द और निराशा का प्रतीक था। उन्होंने अपनी व्यथा और अंतर्मन की स्थिति को स्पष्ट रूप से व्यक्त करते हुए अपने सुसाइड नोट को ईमेल और एक एनजीओ के व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर किया। अतुल ने यह भी सुनिश्चित किया कि उनके घर में महत्वपूर्ण जानकारियां साफ-साफ लिखी गई हों, ताकि उनके पीछे कोई सवाल न बचे।

120 तारीख में 40 बार जौनपुर आने का दावा

अतुल ने सुसाइड से पहले वीडियो बताया कि किस तरह से ससुराल वाले और पत्नी ने उन्हें प्रताड़ित किया। आरोप लगाया कि पत्नी, सास, साला और चचेरे ससुर ने पैसे ऐेंठने के लिए साजिश रची। उन्हें और उनके परिवार को झूठे केसों में फंसाया। कहा कि दो सालों में अब तक कोर्ट में 120 तारीखें लग चुकी हैं। इनमें 40 बार खुद बेंगलुरु से जौनपुर पेशी के लिए आए। इसके अलावा उनके माता पिता को भी चक्कर काटने पड़ रहे हैं। कोर्ट से मिली तारीखों पर भी कुछ नहीं होता था। कभी हड़ताल, कभी शोकसभा तो कभी कुछ और मामला होता था।

मरने के बाद पास भी न आए पत्नी

वायरल वीडियो वीडियो के अंत में अतुल ने अपनी कुछ मांगें रखीं। अपने माता पिता से हाथ जोड़कर माफी मांगी। कहा कि जिस उम्र में माता-पिता का सहारा बनना चाहिए, उस उम्र में वह दुनिया छोड़कर जा रहा है। उन्होंने अपनी पत्नी के लिए कहा है कि ‘मेरे मरने के बाद शरीर के आसपास भी वह और उसके मायके वाले न आएं’ जब तक न्याय नहीं मिल जाता, प्रताड़ित करने वालों को सजा नहीं मिल जाती, तब तक अस्थियां विसर्जित न की जाएं। यदि न्याय न मिले तो अस्थियों को गटर में बहा दिया जाए।

किन किन मामलों का किया है उसने जिक्र

अतुल ने अपने वीडियो में कुल नौ मामलों का जिक्र किया है। वीडियो के अनुसार, उसके खिलाफ कुल नौ मामले पत्नी और ससुराल वालों ने दर्ज कराए। उसमें 302 यानी मर्डर का केस, अतुल के अनुसार- उन पर आरोप है कि अपने ससुर से 10 लाख रुपये मांगे और उन्हें आघात लगा, जिससे मौत हो गई। दूसरा केस सीआरपीसी 125 के तहत मेंटिनेंस के लिए, जिसमें पत्नी ने दो लाख रुपये प्रति माह मांगा था। इसके अलावा भी कई मामलों का जिक्र किया है।

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