पहलगाम आतंकी हमले से भी नहीं डिगा अमरनाथ यात्रियों का हौसला, पंजीकरण के लिए भीड़ जारी
कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भी अमरनाथ जाने वालों के जोश में कोई कमी नहीं है। हमले के बाद भी बुधवार को अलग अलग जिलों में लोगों ने पंजीकरण कराए। अमरनाथ में लंगर लगाने वाले भी जोर-शोर से तैयारियां कर रहे हैं।

पहलगाम में हिंदू पर्यटकों को चुन-चुनकर मारने की घटना के बाद भी अमरनाथ जाने वालों का हौसला नहीं डिगा है। बुधवार को पंजीकरण के लिए अस्पतालों में स्वास्थ्य जांच कराने वालों की भीड़ हर जिले में दिखाई दी। तीन जुलाई से इस बार अमरनाथ यात्रा प्रस्तावित है। आतंकी हमलों के कारण पंजीकरण में कमी आने की आशंका निर्मूल साबित हुई। आगरा में बीते दिनों की तुलना में बारह फीसदी पंजीकरण अधिक हुए। उम्मीद की जा रही है कि बीते साल से अधिक पंजीकरण होंगे।
आगरा में पन्द्रह अप्रैल से जे एंड के बैंक की हींग की मंडी शाखा में अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण चल रहे हैं। पहले दिन बड़ी संख्या में लोग आए और इस यात्रा के लिए फार्म भरकर अपना पंजीकरण कराया। यह सिलसिला अभी भी जारी है। प्रबंधन ने बताया कि मंगलवार को 74 लोगों ने इस यात्रा के लिए पंजीकरण कराया। वहीं बुधवार को यह संख्या बढ़ कर 83 हो गई। अब तक आगरा में 660 लोग इस यात्रा के लिए अपना पंजीकरण करा चुके हैं।
प्रबंधन के वरिष्ठ सदस्य के अनुसार बीते साल आगरा से लगभग एक हजार लोगों ने अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण कराया था। बीते सालों में भी यही संख्या रही। ऐसे भी लोग हैं जो नियमित रूप से अमरनाथ यात्रा के लिए जाते हैं। कुछ नए लोगों ने इस यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है। इस बार पंजीकरण कराने वालों में महिलाओं की संख्या ठीक ठाक है। व्यवसायी राजकुमार शाक्य के अनुसार हमारे परिवार से हर साल कोई न कोई अमरनाथ यात्रा के लिए जाता है। ऐसे हमले तो पहले भी होते रहे हैं। इससे हमारी आस्था पर फर्क नहीं पड़ने वाला। हमारे कई सहयोगी तो यात्रा मार्ग में भंडारे आयोजित करते हैं। यह सिलसिला कई सालों से चल रहा है।
शिविर लगाने वाले भी उत्साहित
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद अमरनाथ यात्रा के दौरान लगने वाले शिविरों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हमले के बाद शहर में शिविर लगाने वाली समितियों के पदाधिकारियों से बातचीत की गई। अध्यक्ष शंकर लाल शर्मा ने बताया कि 2009 से श्रीशिव शक्ति अमरनाथ सेवा समिति की ओर से पिस्सू टॉप पर शिविर का आयोजन किया जा रहा है। पहले आगरा से दो समितियां शिविर लगाती थीं। अब कई वर्षों से एक शिविर लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि डर का साया हर साल रहता है। जान हथेली पर रखकर जाते हैं। इस बार भी कदम पीछे नहीं हटेंगे।
उन्होंने बताया कि समिति की ओर से 22 पदाधिकारी हर साल जाते हैं। जो पूरी यात्रा तक वहीं पर रहते हैं। समिति की ओर से खान-पान की व्यवस्था रहती है। इसे हर पड़ाव पर लगाया जाता है। पिछले 16 वर्षों से देख रहे हैं। अमरनाथ यात्रा से पहले कोई न कोई अनहोनी होती है। इनका मुख्य उद्देश्य यह है कि डरकर यहां जाया ही नहीं जाए। पिछले साल 55 दिन की यात्रा थी। इस बार 39 दिन की यात्रा है। 22 लोग वहीं रहेंगे। इसमें हलवाई और पदाधिकारी हैं।
उन्होंने बताया कि पदाधिकारी यहां परोसने से लेकर सफाई तक का काम करते हैं। भंडारे की पूरी तैयारियां हो गई हैं। शिविर पिस्सू टॉप पर लगता है। मगर ट्रक पहलगाम में होकर जाते हैं। पल-पल दहशत होती है। भोले भंडारी सब सही करते हैं। हम सोचकर जाते हैं कि वापस आ गए तो आगरा के, नहीं आए तो अमरनाथ के। भंडारा इस बार भी होगा। 56 भोग के साथ रोटी, दाल, सब्जी, पूड़ी से लेकर हर तरह के फास्ट फूड, कढ़ाई का दूध, मूंगदाल का चीला, जलेबी, बेढ़ई विशेष रहती हैं। आगरा का पेठा और दालमोंठ भी शामिल होते हैं।
भक्तों में जज्बा बरकरार
आगरा। हर साल अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले भक्तों का जज्बा बरकरार है। यात्रा को लेकर पंजीकरण शुरू हो गए हैं। नामनेर, खेरिया मोड़, बल्केश्वर और कमलानगर से समूह में लोग जाते हैं। बातचीत के दौरान बताया गया कि इस बार नए लोग भी पंजीकरण करा रहे हैं। हर साल जाने वाले भक्तों का कहना है कि हम इस बार जरूर जाएंगे। भोले की जो मर्जी होगी, वही होगा। बाकी नए लोगों के लिए नया अनुभव होगा।
वाराणसी में भी अमरनाथ यात्रा की तैयारियां जारी
वाराणसी में श्रीबाबा काशी विश्वनाथ सेवा समिति की ओर से अमरनाथ यात्रा की तैयारियां पूरे जोशोखरोश के साथ की जा रही है। समिति के अध्यक्ष दिलीप सिंह बंटी ने बताया कि पहलगाम में आतंकी हमले का अमरनाथ यात्रा की तैयारियों पर असर नहीं है। बुधवार को भी ग्रुप रजिस्ट्रेशन के संबंध में जानकारी करने वालों के आने का सिलसिला जारी रहा। पुरुष ही नहीं महिलाओं का समूह भी यात्रा पर जाने को तैयार है। समिति की ओर से पहलगाम से आगे चंदनबाड़ी में शिविर लगाने की तैयारी भी जारी है। तीन जुलाई से नौ अगस्त तक होने वाली यात्रा को लेकर हम तैयार हैं। हमारी टीम के कुछ प्रमुख सदस्य 15 दिन पहले चंदनबाड़ी पहुंच कर व्यवस्था में लग जाएंगे।