नाश्ते में देरी ने पहलगाम के भयावह मंजर से यूपी के सीए परिवार को बचाया! बयां किए मौजूदा हालात
यूपी के एटा से परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए सीए अरविंद अग्रवाल और उनका परिवार पहलगाम का भयावह मंजर देखने से बाल-बाल बचा है। नाश्ते में हुई आधे घंटे की देरी के कारण पहलगाम पहुंचने से दस मिनट पहले ही आतंकी वारदात की खबर उन्हें मिल गई।

यूपी के एटा से कश्मीर घूमने गया सीए अरविंद अग्रवाल का परिवार पहलगाम का खौफनाक मंजर देखने से बाल-बाल बचा है। जिस स्थान पर गोलियां बरसाई गई उस स्थान तक पहुंचने से सीए का परिवार सिर्फ दस मिनट दूर था। यह दूरी भी इसलिए हुई क्योंकि नाश्ता करके निकलने में उन लोगों को आधा घंटे की देरी हो गई थी। गाड़ी चालक ने वहां पहुंचने से पहले ही गाड़ी रोक दी। इधर-उधर पता करके बताया कि हम अब पहलगाम नहीं पहुंच सकते, क्योंकि वहां गोली चलने की कोई घटना हुई है। उस समय घटनास्थल केवल दस मिनट की दूरी पर था। बाद में पता चला कि दशहगर्दों ने तबाही मचा दी है। सीए ने वहां के मौजूदा हालात भी बयां किए।
फोन पर हिन्दुस्तान को जानकारी देते हुए सीए अरविंद अग्रवाल ने बताया कि हम परिवार के साथ 17 अप्रैल को कश्मीर गए थे। पत्नी दीपिका, बेटा अनंत तथा बेटी अर्पिता साथ थी। पहलगाम जाने के लिए गाड़ी बुला ली थी। उन्होंने बताया कि हम लोग गुलमर्ग में रुके हुए थे। नाश्ता करने में काफी समय लग गया। हमें वहां से आधा घंटे पहले निकलना था, लेकिन देर हो गई। बाद में टैक्सी से निकले। करीब ढाई बजे पहलगाम के पास पहुंचे ही थे कि टैक्सी चालक ने गाड़ी रोक ली। कुछ देर इधर-उधर फोन करने के बाद वह बोला साहब पहलगाम में गोली चल गई है। कोई विवाद बताया जा रहा है। अब आप बताओ क्या करना है।
अभी करीब दस मिनट का ही समय बीता था कि बड़ी संख्या में एंबुलेंस, सेना की गाड़ियां और पुलिस फोर्स जाते हुए दिखाई दिए। पर्यटकों के जाने पर रोक लगा दी गई। यहीं से हम लोग होटल में चले गए। जब टीवी खोलकर न्यूज देखा तब पता चला कि यह घटना हो गई है। 24 अप्रैल को हमारी वापसी का टिकट है।
उन्होंने बताया कि श्रीनगर में सब कुछ बंद है। बाजार खाली पड़े हैं। आने-जाने वालों की भीड़ भी नहीं दिख रही है। बाहर कुछ नहीं मिल रहा है। जिस होटल में रुके हुए है उसी होटल में खाने पीने की चीजें मिल रही हैं। एक सप्ताह के टूर में श्रीनगर, दूधपथरी, सोनमर्ग, गुलमर्ग, पहलगाम तक जाने का निर्धारित था। उन्होंने बताया कि पहली बार कश्मीर घूमने के लिए आए। उन्होंने कहा अगर थोड़ी देर पहले निकले होते तो इसी घटना स्थल पर हम भी मौजूद होते। भगवान की कृपा रही कि हम परिवार के साथ सुरक्षित है।