BJP के बाद जयंत चौधरी की RLD ने भी घोषित किया प्रत्याशी, कौन हैं मीरापुर से उतरीं मिथिलेश पाल
भाजपा ने यूपी उपचुनाव में मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट रालोद को दी है। रालोद ने बीजेपी की सूची के कुछ घंटे बाद ही यहां से पूर्व विधायक मिथिलेश पाल का नाम घोषित कर दिया।
यूपी में नौ सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की स्थिति करीब करीब साफ होगई है। भाजपा के बाद एनडीए के सहयोगी जयंत चौधरी की रालोद ने भी प्रत्याशी घोषित कर दिया है। भाजपा ने नौ में से सात सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। कानपुर की सीसामऊ से नाम अभी घोषित नहीं किया है। मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट रालोद को दी है। रालोद ने बीजेपी की सूची के कुछ घंटे बाद ही यहां से पूर्व विधायक मिथिलेश पाल का नाम घोषित कर दिया।
मिथिलेश पाल मोरना सीट से रालोद की विधायक रह चुकी हैं। बाद में रालोद से टिकट नहीं मिला तो सपा में शामिल हो गईं थी। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा से भाजपा में आ गई थीं। कादिर राणा के मोरना विधानसभा सीट से त्यागपत्र दिए जाने के बाद उपचुनाव में रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ी थी और नूर सलीम राणा को शिकस्त देकर विधायक बनी थीं। बाद में सपा में चली गईं। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मिथलेश पाल ने समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।
मिथलेश पाल ने चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ से बीए किया है। उनके पति अमरनाथ पाल व्यापारी हैं। इनकी शादी 4 फरवरी 1982 को हुई थी। दोनों को एक बेटी व दो बेटे हैं। मिथलेश मूलत गांव धौलरा मुजफ्फरनगर की रहने वाली हैं। वर्तमान में वह ड्रीम सिटी मुजफ्फरनगर में परिवार के साथ रहती हैं।
राजनीतिक करियर की बात करें तो पहली बार रालोद से मोरना सीट पर 2009 में हुए उपचुनाव में विधायक बनी थी। 2012 में मीरापुर विधानसभा चुनाव से रालोद से विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन हार गई थी। 2017 में मीरापुर विधानसभा चुनाव में रालोद की प्रत्याशी रही, लेकिन हार गई थी। 2017 में सपा में आ गईं और मुजफ्फरनगर नगरपालिका का चुनाव लड़ा लेकिन इस चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2022 में भाजपा में शामिल हो गई थीं। मीरापुर में उपचुनाव के ऐलान के बाद से ही रालोद के संपर्क में थीं।
रालोद सांसद की भी नहीं चली?
मीरापुर सीट पर उपचुनाव रालोद सांसद चंदन चौहान द्वारा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के कारण हो रहा है। चंदन चौहान की पत्नी याशिका चौहान भी इस उपचुनाव में रालोद के टिकट मांगने वालों में प्रमुख रूप से शामिल थीं। चंदन चौहान ने कहा कि वह पार्टी प्रत्याशी की जीत सुनश्चिति करने के लिये दिन रात एक कर देंगे।
जानकारी के मुताबिक रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने चंदन चौहान को भरोसा दिया कि पार्टी याशिका चौहान को 2027 के विधानसभा चुनाव में अवश्य ही मौका देगी। पार्टी का एक बड़े तबके में भाजपा नेता पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री राजपाल सैनी को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर जबरदस्त असंतोष था। बिजनौर के पूर्व सांसद मलूक नागर प्रदेश सरकार में केबिनेट मंत्री अनिल कुमार एवं पूर्व बसपाईयों का गुट राजपाल को टिकट देने की पेरोकारी कर रहा था।
मीरापुर सीट भाजपा ने रालोद के लिए छोड़ दिया था लेकिन जिस तरह से जयंत चौधरी ने भाजपा नेत्री को पार्टी उम्मीदवार बनाया है उससे दो बातें साफ हो गई हैं कि रालोद के पास जिताऊ उम्मीदवारों का टोटा था दूसरा वह याशिका चौहान को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर भारी दुविधा में थे।
मीरापुर का उपचुनाव जातीय समीकरणों के हिसाब से बहुत ही पेचीदा है। वहां एक लाख 31 हजार के करीब मुस्लिम मतदाता हैं। सपा ने पूर्व सांसद कादिर राणा के बेटे शाह मोहम्मद की पत्नी सुम्बुल राणा को टिकट दिया है। बसपा ने भी मुस्लिम उम्मीदवार पर दांव लगाया है। मायावती ने शाह नजर को मैदान में उतारा है।
मिथलेश पाल अति पिछड़ा वर्ग से आती हैं और इस वर्ग का मीरापुर क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है। माना जा रहा है कि यदि रालोद सांसद चंदन चौहान मिथलेश पाल को चुनाव लड़ाने में अग्रणी भूमिका में रहते हैं तो रालोद सपा को कड़ी टक्कर दे सकता है और रालोद की जीत भी संभव है। नामांकन का कल शुक्रवार को अंतिम दिन है। मिथलेश पाल शुक्रवार को नामांकन दाखिल करेंगी जबकि अन्य दलों के घोषित प्रत्याशी अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं।
मीरापुर उपचुनाव पर जयंत चौधरी की प्रतष्ठिा दांव पर लगी है। लेकिन ऐसी सूरत में जब उसके चुनाव निशान पर भाजपा का प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है। तो भाजपा की प्रतष्ठिा भी दांव पर होगी।