Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़1000 Global Capacity Centers will be built in UP, 5 lakh people will get employment

यूपी में बनेंगे 1000 ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर, 5 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

यूपी में 1000 ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर स्थापित होंगे। योगी सरकार आईटी विभाग ने नई ग्लोबल कैपिसटी सेंटर नीति तैयार की है। इसे जल्द कैबिनेट से पास कराया जाएगा। इससे 5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, लखनऊ। अजित खरेMon, 30 Sep 2024 01:04 AM
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उत्तर प्रदेश में 1000 ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर स्थापित होंगे। इसके जरिए 5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इन्हें स्थापित करने के लिए निजी कंपनियों को जमीन से लेकर स्टांप डयूटी में छूट तक तमाम रियायतें दी जाएंगी। रियायतों का आधार रोजगार की संख्या, निर्यात वृद्धि व नवाचार होगा।यूपी सरकार के आईटी विभाग ने नई ग्लोबल कैपिसटी सेंटर नीति तैयार की है। इसे जल्द कैबिनेट से पास कराया जाएगा। निवेशकों को फ्रंट एंड लैंड सब्सिडी के तहत गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद में 30 प्रतिशत पर, पश्चिमी यूपी (गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद) व मध्य यूपी में 40 प्रतिशत पर व पूर्वांचल बुंदेलखंड में 50 प्रतिशत के रेट पर जमीन दी जाएगी। 

अगर परियोजना समय से नहीं लगी तो लैंड पर इस सब्सिडी की 12 प्रतिशत सालाना पर वसूली भी होगी। जमीन पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी पर 100 प्रतिशत की छूट होगी। अधिकतम एक करोड़ तक का टर्म लोन लेने पर निवेशकों को पांच प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। लीज रेंट, बैंडबिथ, डाटा सेंटर, क्लाउड सर्विस व बिजली खर्च आदि पर 20 प्रतिशत की दर से ऑपरेशनल एक्सपेंस सब्सिडी दी जाएगी। कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन की प्रतिपूर्ति सरकार करेगी। यह राशि प्रति कर्मचारी अधिकतम 1.2 लाख रुपये प्रतिवर्ष होगी। तीन साल तक यह सुविधा होगी।

इसके अलावा यूपी के रहने वाले कम से कम 30 लोगों को कंपनी में रोजगार देने पर फ्रेशर के वेतन में 20 हजार रुपये प्रति माह योगदान सरकार एक साल तक करेगी। प्रतिभा विकास व कौशल विकास को प्रोत्साहन के तहत अधिकतम 50 इनटर्न करने वाले युवाओं को अधिकतम पांच हजार रुपये प्रतिवर्ष तीन साल के खर्च की प्रतिपूर्ति सरकार कंपनी को करेगी। इसी तरह केस के आधार पर सरकार कम से कम 50 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर या फर्च्यून ग्लोबल 500 कंपनी को कैबिनेट की मंजूरी से अलग से इन्सेंटिव देगी। इन सेंटर को चलाने के लिए सात तरह के श्रम कानूनों से बाहर रखा जाएगा। यह सेंटर सातों दिन 24 घंटे चलेंगे। रात में महिलाओं को काम करने की छूट होगी।

क्या है ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर व उनकी उपयोगिता

यह ऐसे बहुआयामी सुविधा युक्त सेंटर हैं जो सूचना प्रौद्योगिकी, आर्टीफिशयल इंटलीजेंस, डाटा विशलेषक, साइबर सिक्योरिटी, डाटा मैनेजमेंट, क्लाउट कम्प्यूटिंग, क्वांटम कम्प्यूटिंग, रोबोटिक्स, प्रोडक्ट डवलपमेंट आदि पर कंपनी को तकनीकी तुरंत उपलब्ध कराते हैं। यह किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी के लिए अहम कड़ी होते हैं। यह हाईवैल्यू आपरेशंस, इंजीनियिरंग, रिसर्च, डिजिटल ट्रांसफार्मेशन पर काम करते हैं। इस तरह के ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर साफ़्टवेयर तकनीक, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, बीमा, सेमी कंडक्टर, संचार, कैमिकल, फार्मास्यूटिकल, इनर्जी, मेडिकल डिवाइस, एयरोस्पेस, ऑयल , गैस व स्वास्थ्य सेवाओं में अपनी उपयोगिता साबित कर रहे हैं।

यूपी में 35000 हजार उच्च शिक्षित प्रशिक्षित पेशेवर

यूपी में इस समय 200 इलेक्ट्रानिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्यूफैक्चरिंग व आईटी कंपनियां हैं। जिसमें 35000 हजार उच्च शिक्षित प्रशिक्षित पेशेवर काम कर रहे हैं। यहां 40 आईटी पार्क, व 25 विशेष आर्थिक परिक्षेत्र हैं। नोएडा इस वक्त ग्लोबल कैपसिटी सेंटर का हब है। लखनऊ आर्टीफिशयल इंटलीजेंस का हब बनने जा रहा है। यूपी में 13299 स्टार्टअप हैं।

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