उन्नाव में मंगलवार को एक प्राइवेट स्कूल की दो बसें आपस में टकरा गईं। इससे अंदर बैठे 40 बच्चे घायल हो गए। जिन्हें इलाज के लिए ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद सभी को घर भेज दिया गया।
10 जुलाई को उन्नाव हादसे में 18 लोगों की मौत के बाद बसों को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। महोबा जिले के मवई गांव के गरीब किसान पुष्पेंद्र सिंह, जिनकी सालाना आय 2 लाख रुपये है।
उन्नाव हादसे की बस चालान का रिकॉर्ड बना रही थी। हादसे का शिकार हुई बस के पांच साल में 93 चालान हुए लेकिन फिर भी बस जब्त नहीं की गई। 11 से ज्यादा चालान होने पर वाहन सीज कर दिया जाता है।
उन्नाव बस हादसे ने महोबा में स्लीपर बसों के रखरखाव और विभागीय मिलीभगत की पोल खोल दी। पता चला है कि हादसे की शिकार बस बिना फिटनेस और बीमा के दौड़ रही थी। अब कार्रवाई करते हुए 30 बसें कैंसिल कीं।
उन्नाव जिले की बांगरमऊ सीएचसी में जो मंजर दिखा, उसने दो जुलाई को हाथरस हादसे के बाद हुई मौतों की याद दिला दी। इतनी भारी संख्या में हुई मौतों के बाद शवों को इधर-उधर डाल दिया गया।
उन्नाव बस हादसा कितना भयावह था, इसकी आपबीती मोतिहारी के रहने वाले बस के खलासी ने बताई। मो. शमीम ने कहा कि वो नींद था, तभी तेज धमाके के बाद उसने खुद को सड़क पर पाया, और चीख पुकार मची थी।
बस में 57 लोग सवार थे। रात एक बजे के बाद लगभग सभी सवारियां सो गई थी। भोर में एक्सप्रेस-वे पर बस पहुंची तो हादसे के बाद धमका हुआ। कोई सोता रह गया तो कोई चीख पड़ा। चारों ओर मातम का माहौल था।
Unnao Accident: उन्नाव में बुधवार को तड़के टैंकर से टकराने के बाद बस में सवार 18 लोगों की मौत के बाद दिल दहलाने वाला मंजर देखने को मिला। हादसे में बस और टैंकर के परखच्चे उड़ गए थे।
Unnao Accident: उन्नाव में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर टैंकर से टक्कर के बाद स्लीपर बस सवार 18 लोगों की मौत पर CM योगी ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने घायलों का समुचित इलाज कराने का आदेश दिया है।
यूपी के उन्नाव में रविवार की दोपहर भीषण हादसा हो गया। आमने-सामने की टक्कर के बाद ट्रक ने बस को एक साइड से चीर दिया। इससे आठ लोगों की मौत हो गई है। एक दर्जन से अधिक लोग घायल हैं। इनमें कई नाजुक हैं।