Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Roadways 30 buses without Fitness or insurance permit canceled for Mahoba route after Unnao incident

उन्नाव हादसे के बाद फिटनेस और बीमा के बीना दौड़ रहीं महोबा की 30 बसों के परमिट कैंसिल

उन्नाव बस हादसे ने महोबा में स्लीपर बसों के रखरखाव और विभागीय मिलीभगत की पोल खोल दी। पता चला है कि हादसे की शिकार बस बिना फिटनेस और बीमा के दौड़ रही थी। अब कार्रवाई करते हुए 30 बसें कैंसिल कीं।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान टीम, महोबाFri, 12 July 2024 01:46 AM
share Share

यूपी में हुए उन्नाव बस हादसे ने महोबा में स्लीपर बसों के रखरखाव और विभागीय मिलीभगत की पोल खोल दी है। पता चला है कि हादसे की शिकार बस बिना फिटनेस और बीमा के दौड़ रही थी। हादसे के बाद विभाग ने बस मालिक के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। जिले में एक ही व्यक्ति के नाम से दर्जनों बसें पंजीकृत हैं, जिनमें से अधिकांश वर्षों से बिना फिटनेस और बीमा के दौड़ रही हैं। गुरुवार को आरटीओ ने ऐसी 30 बसों के परमिट निरस्त किए।

विभागीय जांच शुरू हुई तो पता चला कि अधिकांश बसों के मालिक महानगरों में बैठे प्रभावशाली लोग हैं, जबकि स्थाई पता के नाम पर महोबा के लोगों के नाम से बस दर्ज कराई गई हैं। एआरटीओ दयाशंकर का कहना है कि पूर्व में अस्थाई पता दर्ज करने की व्यवस्था थी, जो अब बंद कर दी गई है। जिले से ऐसी 30 से अधिक स्लीपर बसें संचालित हो रही हैं, लेकिन हादसे के बाद अधिकांश गायब हो गईं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार जिले के कई लोगों ने कम समय में अकूत दौलत कमा ली है और बसें खरीद लीं। बसों का धंधा शुरू करने वाले एक माफिया ने तो बसों का पूरा बेड़ा तैयार कर लिया है। 

ये भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- बुजुर्ग बंदियों को समय पहले रिहा ना करना सरकार का रूढ़िवादी रवैया

एआरटीओ ने बताया कि प्राथमिक जांच के बाद 30 बसों के परमिट निरस्त किए गए हैं। विभाग लगातार नजर बनाए हुए हैं, आगे और भी कार्रवाई की जाएगी। उन्नाव में हुए बस हादसा ने जिले में स्लीपर बसों की संचालन में बरती जा रही मनमानी को उजागर कर दिया है। हादसे का शिकार हुई बस महोबा आरटीओ कार्यालय में पंजीकृत है। जांच में पता चला है कि यह बस बिना फिटनेस व बीमा के दौड़ रही थी। जांच में भ्रष्टाचार की परत दर परत खुल रही है। 

बता दे कि लंबे समय से जिले में स्लीपर बसों की संचालन में लापरवाही भारती जा रही है नियमों को तक में रखकर जिले से महानगरों के लिए स्लीपर बसों का संचालन कराया जा रहा है विभाग की अधिकारियों की कृपा से माफिया बेसन का संचालन कर रहे हैं उन्नाव में हुए हादसे की बात इन बसों की संचालन में भर्ती जा रही लापरवाही उजागर हुई है एआरटीओ दयाशंकर का कहना है कि जांच में पता चला है कि बस विचार निवासी पुष्पेंद्र के नाम पंजीकृत है। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेख