उन्नाव में हादसाः मौत के बाद भी नहीं बख्शी इज्जत, एक चादर तक नहीं हुई नसीब
उन्नाव जिले की बांगरमऊ सीएचसी में जो मंजर दिखा, उसने दो जुलाई को हाथरस हादसे के बाद हुई मौतों की याद दिला दी। इतनी भारी संख्या में हुई मौतों के बाद शवों को इधर-उधर डाल दिया गया।
उन्नाव जिले की बांगरमऊ सीएचसी में जो मंजर दिखा, उसने दो जुलाई को हाथरस हादसे के बाद हुई मौतों की याद दिला दी। इतनी भारी संख्या में हुई मौतों के बाद शवों को इधर-उधर डाल दिया गया। कुछ ऐसा ही नजारा बांगरमऊ में भी नजर आया। अस्पताल में अव्यवस्था का दंश घायलों को भी झेलना पड़ा। हादसे में 18 लोगों की मौत के बाद भी उनको इज्जत नहीं बख्शी गई। घटनास्थल से शव लाकर अस्पताल के बाहर ईंट के फर्श पर खुले में डाल दिए गए। ना तिरपाल बिछाया गया और ना ही चादर ओढ़ाई गई। एक घंटे तक डेढ़ दर्जन लोगों के शव खुले में पड़े रहे। एक चादर तक नसीब नहीं हो पाई। सोशल मीडिया पर खबर तैरने लगी तो अफसरों ने चारों तरफ घेराबंदी की।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर बुधवार तड़के हुए हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। घटना करीब 4.30 बजे की बताई जा रही है। यूपीडा के रेस्क्यू टीम का दावा है कि उनको 4:40 बजे जानकारी हुई तो राहत कार्य शुरू कर दिया गया। घायलों की चीखपुकार सुनकर पास के गढ़ा, शिवबक्स खेड़ा, रूरी रसूलपुर, जोगीकोट आदि गांवों के लोग पहुंच गए। ग्रामीणों की मदद से किसी तरह से घायलों को बाहर निकाला गया। भयावह दृष्य देखकर रूह कांप गई। बांगरमऊ मुख्यालय से करीब 13 किमी दूर हादसा हुआ था।
करीब 5:45 बजे एसडीएम नम्रता सिंह, सीओ अरविंद कुमार, कोतवाल राजकुमार, थानेदार फूलसिंह पहुंचे। तब तक एक एंबुलेंस करीब 5:35 बजे घायलों को लेकर अस्पताल जा चुकी थी। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के बाद मृतकों को लाया गया। एम्बुलेंस से मृतकों को लाकर अस्पताल के बाहर खुले में रखा जा रहा था। नीचे न तो कोई तिरपाल बिछाया गया और ना ही किसी चादर से ढका गया।
अस्पताल पहुंचने वाला हर व्यक्ति वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहा था। इस पर सीओ बांगरमऊ ने चारों ओर बेरीकेडिंग कराकर शवों को छिपाने की कोशिश की। करीब चार घंटे तक शव खुले आसमान की नीचे पड़े रहे। किसी का भी इस ओर ध्यान नहीं गया। हाथरस हादसे के बाद भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया। कम से कम मरने के बाद शवों को ढंक तो दिया गया होता। सभी 18 शव एक तिरपाल से ढकी डीसीएम में लादकर 10: 40 बजे बांगरमऊ से उन्नाव पोस्टमार्टम हाउस के लिए रवाना कर दिया गया। शिनाख्त के लिए शवों को रखा गया है और घरवालों के आने का इंतजार किया जा रहा है।