नींद में था, धमाके के बाद सड़क पर आ गया; उन्नाव बस हादसे की कहानी मोतिहारी के खलासी की जुबानी
उन्नाव बस हादसा कितना भयावह था, इसकी आपबीती मोतिहारी के रहने वाले बस के खलासी ने बताई। मो. शमीम ने कहा कि वो नींद था, तभी तेज धमाके के बाद उसने खुद को सड़क पर पाया, और चीख पुकार मची थी।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव बस हादसे में जख्मी खलासी मो. शमीम ने बताया कि वह नींद में था कि सुबह करीब पांच बजे धमाकेदार आवाज हुई। आवाज के बाद वह अपने को बस के चक्का के पास सड़क पर गिरा पाया। वह पूरी तरह होश में था। देखा कि सड़क खून से लाल हो गई है। चारों तरफ जख्मी यात्री कराह रहे थे। हर तरफ चीख पुकार मची थी। कुछ मरनासन हालत में पड़े थे।
शमीम ने बताया कि हादसे के समय 90 की स्पीड में बस रही होगी। उससे अधिक स्पीड में एक्सप्रेस-वे पर बस नहीं चलती है। एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने पर ढाका के बस चालक एखलाक ने कहा कि तुम सो जाओ। सोने गया कि उसके आधा घंटे बाद हादसा हो गया।
पूर्वी चंपारण के पिपराकोठी के मधुछपरा मुर्दाचक गांव के निवासी खलासी शमीम ने बताया कि उसका सिर फट गया था, जिससे खून निकल रहा था। दाहिना हाथ टूट गया है। कमर में काफी चोट लगी है। पैर में कई कट होने से खून निकल रहा था। उसने देखा कि बस में दो यात्री बचाने की आवाज लगा रहे हैं। जख्मी हालत में भी उससे रहा नहीं गया तो अपने को संभालते हुये सुगौली के दो यात्रियों को खींचकर बाहर निकाला।
जिसके बाद वह खुद गिर पड़ा। 25 मिनट बाद वहां पुलिस पहुंची और बस में फंसे व सड़क पर गिरे यात्रियों को एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाने लगी। उसे भी एम्बुलेंस से लखनऊ के एक ट्रामा सेंटर में ले जाया गया। उसके सेलफोन का स्क्रीन टूट गया है। किसी तरह उसी सेलफोन से अपने पिता को सूचना दी। घर से उसके पिता चल चुके हैं। दो बजे रात तक अस्पताल में पहुंच जाएंगे। ट्रामा सेंटर में उसके साथ शिवहर, मधुबन व सुगौली के आठ जख्मी यात्रियों का इलाज हो रहा है। अन्य यात्रियों की स्थिति काफी गंभीर है।
आपको बता दें यूपी के लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे हादसे में 18 लोगों की मौत हुई है। जिसमें ज्यादातक मृतक बिहार के निवासी है। सीएम नीतीश कुमार ने सभी मृतकों के आश्रितों को 2-2 लाख की आर्थिक मदद का ऐलान किया है।