Shani Pradosh Vrat Muhurat: शनिवार का दिन शनिदेव और प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। यह दिन शनिदेव व भगवान शंकर की पूजा के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। शनिदेव को भगवान शिव का शिष्य माना गया है।
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत में प्रदोष काल के दौरान पूजा का विशेष महत्व होता है।
shani pradosh katha हीने की दोनों त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस तरह साल में 24 प्रदोष व्रत आते हैं। भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी को इस माह का पहला प्रदोष व्रत रखा जाता है।
27 अगस्त (मंगलवार) भाद्रपद कृष्ण नवमी रात्रि 01.34 मिनट तक। श्री गुग्गा नवमी। गोकुलाष्टमी। नंदोत्सव। 28 अगस्त (बुधवार) भाद्रपद कृष्ण दशमी रात्रि 01.20 मिनट तक। भद्रा दोपहर 01.27 मिनट से रात्रि 01.20 मिनट तक।
सावन में पड़ने वाले प्रदोष व्रत शिवभक्तों के लिए काफी खास होते हैं। भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत के दिन भक्त विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। इस साल सावन के दूसरे शनिवार को शनि प्रदोष व्रत का शुभ संयोग बन रहा है।
सावन माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 17 अगस्त, शनिवार को है। शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है।
सावन माह का दूसरा प्रदोष व्रत शनिवार को है। सावन के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होगा। यह इस माह का दूसरा शनि प्रदोष व्रत है। शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव शंकर की विधिपूर्वक पूजा करते हैं।
shani pradosh vrat katha: 17 अगस्त को शनि प्रदोष व्रत रखा जाता है। शाम के समय इस व्रत में पूजा की जाती है और निर्धन ब्रह्मणी से जुड़ी कथा सुनते हैं। यहां पढ़ें संपूर्ण व्रत कथा
Shani Pradosh Vrat 2024 Date : कल सावन महीने का आखिरी शनि प्रदोष व्रत है। इस खास मौके पर शिवजी के साथ शनिदेव की पूजा का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि इससे भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं।
सावन का महीना भोले शंकर को समर्पित होता है। इस माह में भोले शंकर की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में।
Pradosh Ke Upay: आज व्रती प्रदोष व्रत रख भगवान शिव का आज ध्यान करेंगी। मान्यता है प्रदोष काल में कुछ उपाय करने हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
Shani Pradosh Benefits: शुद्ध श्रावण कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि 15 जुलाई 2023 दिन शनिवार को शनि प्रदोष व्रत है। शनि प्रदोष व्रत का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन व्रत करने से तथा शनिदेव
त्रयोदशी की शुरुआत 14 जुलाई को शाम 708 बजे से शनिवार को रात 833 बजे तक रहेगी। शनिवार को पूरे दिन प्रदोष पूजन का शुभ लाभ होगा। इस समय मेष राशि और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या का प्रकोप है। वहीं
आज है शनि प्रदोष व्रत और सावन की शिवरात्रि। एक व्रत और दो देव प्रसन्न। इस दिन व्रत से भोलेनाथ की कृपा तो मिलेगी ही , साथ ही शनिदेव को दोष भी कहते हैं अगर शिवजी प्रसनन् हो तो शनिदेव भी शांत हो जाएंगे
आज भगवान शिव और शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए गोल्डन चांस है। दरअसलआज शिव जी और शनि देव की उपासना का महासंयोग बन रहा है। कल सावन की शिवरात्रि भी है और शनि प्रदोष व्रत भी, ऐसे में भगवान शिव के प्रस
Shani Pradosh Vrat 2023 Muhurat: शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ शनिदेव की अराधना की जाती है। मान्यता है कि शनि प्रदोष व्रत के दिन दोनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Shani Pradosh Vrat 2023 Katha: भगवान शिव को प्रदोष व्रत अति प्रिय है। शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष कहा जाता है। जानें शनि प्रदोष व्रत से जुड़ी खास बातें-
Shani Pradosh Vrat 2023: सावन मास के दूसरे शनिवार को शनि प्रदोष व्रत का शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पांच राशि के जातक जरूर करें ये काम-
इस साल सावन में 15 जुलाई को शनि प्रदोष व्रत पड़ रहा है। इस दिन सावन की शिवरात्रि भी है। अगर आप प्रदोष व्रत को लेकर कंफ्यूज हैं, तो आपको बता दें कि शनि प्रदोष व्रत शुक्रवार को नहीं, बल्कि शनिवार को रख
सावन का पहला शनि प्रदोष व्रत 15 जुलाई को है। यह दिन शिव भक्तों के साथ-साथ शनिदेव की साढ़ेसाती और ढैया से पीड़ित लोगों के लिए बहुत शुभ है। इस दिन शनि प्रदोष होने के साथ-साथ शिवरात्रि है। सावन का सबसे ब
Aaj Ka Panchang : 1 जुलाई, शनिवार, 10 आषाढ़ (सौर) शक 1945,17 आषाढ़ मास प्रविष्टे 2080, 12 जिलहिज सन् हिजरी 1444, आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी राित्र 11.07 बजे तक उपरांत चतुर्दशी अनुराधा नक्षत्र।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। प्रदोष व्रत में भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
कल शनिवार एक जुलाई को शनि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह वो दिन है जब भक्त व्रत रखकर एक साथ भगवान शिव और शिव जी दोनों को प्रसन्न कर सकते हैं। जैसा कि प्रदोष व्रत के बारे में कहा जाता है इसकी पूजा प्रदोष का
shani sade sati and dhaiya : आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 1 जुलाई, शनिवार को। शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है।
आषाढ़ मास की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस बार इस दिन शनिवार है, इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। प्रदोष व्रत जिस दिन हो उसे उस दिन के नाम से प्रदोष व्रत कहा जाता है। इससे पहले जून
04, मार्च, शनिवार, 13 फाल्गुन (सौर) शक 1944, 20 फाल्गुन मास प्रविष्टे 2079, 11 शाबान सन् हिजरी 1444, फाल्गुन शुक्ल द्वादशी प्रात 11.07 मिनट तक उपरांत त्रयोदशी, पुष्य नक्षत्र सायं 06.41 बजे तक
शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। प्रदोष व्रत में भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है। शनि प्रदोष व्रत पर शनिदेव की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
shani pradosh vrat march 2023 : शनि प्रदोष व्रत के दिन शनिदेव की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। इस समय कुंभ, मकर, मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और तुला, वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है।
Shani Pradosh Vrat Katha and Shubh Muhurat 2023: शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का पूजन किया जाता है। जानें शनि प्रदोष व्रत कथा व शिव पूजन का शुभ मुहूर्त-
Shani Pradosh Vrat 2023: शनि प्रदोष व्रत का विशेष महत्व शास्त्रों में वर्णित है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पुत्र धन की प्राप्ति होती है। जानें इस व्रत का महत्व व शिव पूजन का समय-