म्यांमार में हाल में ही आए विनाशकारी भूकंप के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट काधम्बरी एस विश्वनाथन ने 2,45,92,500 म्यांमार क्याट यानी दस लाख रुपये की सहायता राशि दान की है…
रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी गई, जिसका केंद्र पाकिस्तान में 33.63 डिग्री उत्तर अक्षांश और 72.46 डिग्री पूर्व देशांतर पर 12 किलोमीटर की गहराई पर था। अभी तक जान के नुकसान या संपत्ति को क्षति की कोई खबर नहीं है।
जो लोग मदद स्वीकार करने में झिझक रहे थे, अब वे आभार जताते थक नहीं रहे हैं। भूकंप उस समय आया जब मुस्लिम पवित्र महीने रमजान के अंतिम जुमे पर अलविदा की नमाज अदा कर रहे थे।
म्यांमार में बीते सप्ताह आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई। इस आपदा के बाद मलबे को हटाने का कार्य जारी है। हादसे के 5 दिन बाद एक शख्स को चमत्कारिक तरीके से मलबे से बाहर निकाला गया है।
म्यांमार में बीते सप्ताह आए भूकंप के बाद मरने वालों की संख्या 3000 से ज्यादा तक पहुंच चुकी है। राहत और बचाव कार्य जारी है जहां मलबे से लोगों को जिंदा निकाले जाने की संभावनाएं खत्म होती जा रही हैं।
भारत ने पड़ोसी म्यांमार की मदद के लिए तुरंत कदम उठाया। 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत भारत ने राहत और बचाव कार्यों के लिए अपनी सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, और चिकित्सा टीमें म्यांमार भेजी हैं।
भूकंप के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मंगलवार को 1 मिनट का मौन रखा गया। म्यांमार में आज स्थानीय समयानुसार 12 बजकर 51 मिनट पर पूरे देश में मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए सायरन बजने लगे।
म्यांमार में भूकंप के बाद सबसे पहले भारत ने ही मदद का हाथ बढ़ाया था। मंगलवार को भी भारत ने राहत सामग्री के साथ युद्धपोत म्यांमार के लिए रवाना कर दिया है।
म्यांंमार में भूकंप के बाद जुंटा सेना आम लोगों पर बमबारी करने लगी। सेना चाहती है कि आपदा का फायदा उठाकर विद्रोहियों को कुचल दिया जाए और उनके कब्जे वाले भूभाग को हथिया लिया जाए।
बैंकॉक के अधिकारियों ने साइट को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया था, जहां बिना इजाजत के किसी का जाना मना था। पुलिस जांच के दौरान यह पता चला कि उनमें से एक व्यक्ति के पास वैध वर्क परमिट था।