Hindi Newsविदेश न्यूज़Man survive Myanmar devastating earthquake with help of school lessons and his own urine

स्कूली सबक और खुद का पेशाब… म्यांमार भूकंप के 5 दिन बाद मलबे से बचाया गया शख्स; कैसे रहा जिंदा?

  • म्यांमार में बीते सप्ताह आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई। इस आपदा के बाद मलबे को हटाने का कार्य जारी है। हादसे के 5 दिन बाद एक शख्स को चमत्कारिक तरीके से मलबे से बाहर निकाला गया है।

Jagriti Kumari एएफपीThu, 3 April 2025 06:31 PM
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स्कूली सबक और खुद का पेशाब… म्यांमार भूकंप के 5 दिन बाद मलबे से बचाया गया शख्स; कैसे रहा जिंदा?

बीते शुक्रवार म्यांमार में आए भीषण भूकंप में अब तक 3000 से ज्यादा लोगों की मौत होने की पुष्टि हो चुकी है। राहत और बचाव दल लगातार मलबे को साफ करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं जहां जैसे-जैसे समय बीत रहा है लोगों के जिंदा बचे रहने की उम्मीदें कम होती जा रही हैं। अब इस मलबे से एक शख्स को पांच दिन बाद जिंदा बाहर निकाला गया है। पांच दिनों तक मलबे में अपने होटल के बिस्तर के नीचे दबे रहने वाले टिन माउंग ह्टवे ने इस हादसे के भयावह अनुभवों को साझा किया है। उन्होंने बताया है कि इस दौरान जिंदा रहने के लिए उन्हें अपना पेशाब पीना पड़ा।

जानकारी के मुताबिक जब देश में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया तब पेशे से शिक्षक टिन, भूकंप के केंद्र के सबसे नजदीकी इलाकों में से एक सागाइंग में एक ट्रेनिंग कार्यक्रम में मौजूद थे। 47 वर्षीय टिन ने बताया है कि जिंदा रहने के लिए उनका सबसे बड़ा सहारा स्कूल के दिनों में पढ़ाया गया सबक बना। उन्होंने बताया कि उन्हें यह बात बताई गई थी कि अगर धरती हिलने लगे तो बिस्तर के नीचे छुप जाना चाहिए।

'मैं लगातार चिल्लाता रहा'

अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा, "जैसे ही मैं बिस्तर के नीचे गया पूरा होटल ढह गया और चारों तरफ मलबा फैल गया। मुझे सोचने का मौका ही नहीं मिला। मैं बस इतना ही कह सका कि मुझे बचा लो।" उन्होंने आगे कहा, “मैं लगातार चिल्लाता रहा- मुझे बचाओ, मुझे बचाओ।”

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निकल कर क्या बोलें?

टिन माउंग गेस्टहाऊस के सबसे निचली मंजिल के कमरे में थे। उन्होंने आगे बताया, "मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं नरक में हूं। मेरा शरीर बहुत गर्म हो रहा था और मुझे बस पानी की जरूरत थी। मुझे कहीं से पानी नहीं मिल रहा था। इसलिए मुझे अपने शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थों से अपने शरीर की पानी की जरूरत को पूरा करना पड़ा।” टिन ने कहा, "मुझे खुशी है कि मैं अब आजाद हूं।”

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