मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश वापस ले लिया है। कोर्ट ने दस दिन के अंदर गैंगस्टर मामले में जांच पूरी करने का आदेश दिया था।
धोखाधड़ी में परवेज की पत्नी अख्तरी बानो और सूजाबाद का विनय गुप्ता भी आरोपी हैं। परवेज मोहम्मदाबाद (गाजीपुर) के महेंद गांव का मूल निवासी है। वह मुख्तार अंसारी के खास अशोकविहार कॉलोनी के मेराज का भांजा है। परवेज पर पहले से कैंट थाने में धोखाधड़ी, रंगदारी, मारपीट, धमकी के 5 केस दर्ज हैं।
माफिया मुख्तार अंसारी की मौत से जुड़ी रिपोर्ट को उसके बेटे को देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को दिया है। कोर्ट ने चिकित्सा और मजिस्ट्रेट दोनों जांच रिपोर्ट 28 मार्च 2024 तक मुख्तार अंसारी के बेटे को उपलब्ध कराने को कहा है।
मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ से विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है। गैंगस्टर में दर्ज मुकदमे के मामले में हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
माफिया मुख्तार अंसारी के परिवार पर बड़ी चोट हुई है। मुख्तार अंसारी के गृह जिले गाजीपुर की पुलिस ने मंगलवार को लखनऊ के विभूतिखंड स्थित ओमेक्स अपार्टमेंट के चेल्सिया टावर में मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां का फ्लैट नंबर-1402 कुर्क कर लिया।
इनमें कई जेल में बंद हैं और सलाखों के पीछे से गिरोह को मजबूत करने में लगे हैं। जेल से छूटने पर ये अपराधी बड़ी वारदात कर सकते हैं। कई गैंगस्टर जमानत पर बाहर हैं, जिनके बारे में पुलिस ब्योरा तैयार कर रही है। इस बारे में एलआईयू रिपोर्ट जिलों से पुलिस मुख्यालय तक पहुंची तो सब अलर्ट मोड पर आ गए।
मुख्तार अंसारी के सांसद भाई अफजाल अंसारी ने गैंगस्टर एक्ट के तहत लखनऊ के डॉलीबाग में कुर्क किए गए फ्लैट को मुक्त कराने के लिए एमपी/एमएलए कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। इस पर सुनवाई करते हुए एमपी/एमएलए कोर्ट के जज शक्ति सिंह ने 29 सितम्बर की तारीख लगाई है।
मुख्तार अंसारी को 7 अप्रैल 2021 को बांदा लाया गया था। इसके बाद बांदा मंडल कारागार की सुरक्षा और बढ़ा दी गई थी। हाई सिक्योरिटी जेल में अलग से डेढ़ सेक्शन PAC के साथ चप्पे-चप्पे पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।
बांदा जेल में मुख्तार अंसारी ने तीन साल ऐश से गुजारे थे। 07 अप्रैल 2021 को पंजाब की रोपड़ जेल से लाया गया था। खुद को बीमार बता जेल में व्हील चेयर पर बैठकर एंट्री की थी। उसे सुविधाएं देने में दो अधीक्षकों का निलंबन हुआ था।
माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की मजिस्ट्रेटी जांच में बयान के लिए उसके परिवार को कई नोटिसें भेजी गईं पर कोई भी बयान दर्ज कराने नहीं आया। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मुख्तार की मौत पर परिजनों ने ही संदेह जताया था लेकिन बयान के लिए वे ही नहीं आए।