एक साल बाद फिर खुलेगी बांदा जेल में मुख्तार अंसारी की बैरक, लोअर कोर्ट ने क्यों दिया आदेश?
- बांदा जेल में मुख्तार अंसारी की बैरक एक साल बाद फिर खुलेगी। लोअर कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की सील बैरक को खोलने के लिए लोअर कोर्ट ने आदेश दिए हैं। जेल प्रशासन को आदेश दिया गया है कि मुख्तार की बैरक में रखे सामान को उनके परिजनों को सौंप दिया जाए।

यूपी के बांदा में माफिया मुख्तार अंसारी की मौत को एक साल हो गया। मौत की वजह से पर्दा उठाने के लिए मजिस्ट्रेटी और न्यायिक जांच हुई। दोनों जांचें सितंबर में पूरी होने के साथ ही रिपोर्ट भी सौंपी जा चुकी हैं। अब तक मुख्तार अंसारी का सामान और बैरक सील है। कई बार पत्राचार के बाद भी मुख्तार का परिवार उनका सील सामान लेने नहीं आया। जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम ने बताया कि एक साल बाद अब मुख्तार अंसारी की सील बैरक को खोलने के लिए लोअर कोर्ट ने आदेश दिए हैं। मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित कमेटी के सामने बैरक को खुलवाया जाएगा। जेल प्रशासन को आदेश दिया गया है कि मुख्तार की बैरक में रखे सामान को उनके परिजनों को सौंप दिया जाए। इसके लिए डीएम को पत्राचार किया गया है। अभी मृत्यु प्रमाणपत्र और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी परिवार का कोई सदस्य नहीं ले गया है। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए परिवार ने वकील को नामित किया है।
माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद सवालिया निशान उठे थे। मौत की असल वजह से पर्दा उठाने के लिए मजिस्ट्रेट और न्यायिक जांच के आदेश हुए। मजिस्ट्रेट जांच एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार और न्यायिक जांच एमपी-एमएलए कोर्ट न्यायाधीश गरिमा सिंह को मिली। एडीएम ने गत वर्ष मार्च में ही अपनी रिपोर्ट पूरी कर शासन को सौंप दी थी।
इतना ही नहीं बीते वर्ष सितंबर में न्यायिक जांच भी पूरी कर रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। दोनों जांचें पूरी होने के बाद मुख्तार अंसारी की बैरक में सील रखा उनका सामान परिवार की सुपुर्दगी में देने के लिए पत्राचार किया गया। बताया जा रहा है कि इस बाबत कई बार पत्राचार के बाद भी परिवार का कोई सदस्य नहीं आया।