ये पांच दिन देवोत्थान एकादशी से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा के साथ संपूर्ण होते हैं। इस बार चतुर्दशी तिथि का क्षय हो रहा है, इसलिए भीष्म पंचक चार दिन के हैं। भीष्म पंचक के इन पांच दिनों को पहले विष्णु पंचक के नाम से जाना जाता था।
Kartik Amavasya 2024 Muhurat : कार्तिक अमावस्या के दिन स्नान-दान के कार्य पुण्य फलदायी माने गए हैं। इस दिन पितरों की आत्माशांति के लिए श्राद्ध,पिंडदान और ब्राह्मण भोज कराया जाता है।
कार्तिक महीने के दौरान सुबह व शाम के समय तुलसी जी को अर्घ्य देने के साथ उनकी पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक महीने के दौरान मां तुलसी की पूजा रोज करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है।
Bhaum Pradosh Vrat 2024 : सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का दिन शिवजी की आराधना के लिए बेहद खास माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजन से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
Kartik Purnima 2024 : हर साल कार्तिक पूर्णिमा तिथि पड़ती है, जिसका व्रत मां लक्ष्मी को समर्पित है। कार्तिक पूर्णिमा पर पूरे-विधि विधान से माता की पूजा करने से घर में खुशियां व समृद्धि आती है।
Kartik Maas : कार्तिक महिना चल रहा है, जो भगवान विष्णु को काफी प्रिय माना जाता है। कार्तिक महीने में कुछ कामों को करना शुभ तो कुछ कामों को अशुभ माना जाता है।
Kartik Maas 2024 Start to End Date: कार्तिक मास में स्नान व तुलसी पूजन का विशेष महत्व होता है। जानें तुलसी पूजन विधि व नियम
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना अत्यंत शुभ है। विशेषकर गंगा, यमुना या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान का महत्व काफी अधिक है। लेकिन, यदि नदी तक नहीं पहुंचा जा सकता हो, तो घर पर ही स्नान कर भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए।
सनातन धर्म में तुलसी का पौधा हमेशा से आस्था का केंद्र रहा है। कार्तिक माह में भगवान श्रीहरि की पूजा में तुलसी चढ़ाने का फल 10 हजार गोदान के बराबर माना गया है।
kartik maas niyam हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्त्व है। कहा जाता है कि व्रतों में एकादशी और महीनों में कार्तिक भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। इस महीने में भगवान की पूजा अराधना करने से भगवान प्रसन्न होते हैं। कार्तिक मास में स्नान, दान और दीपदान का बहुत अधिक महत्व है।