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कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत कब है? नोट कर लें सही डेट, मुहूर्त और पूजाविधि

  • Bhaum Pradosh Vrat 2024 : सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का दिन शिवजी की आराधना के लिए बेहद खास माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजन से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 21 Oct 2024 04:48 PM
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Pradosh Vrat 2024 : हिंदू धर्म में हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत का दिन शिव-आराधना के लिए समर्पित माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि शिवजी की पूजा-उपासना से साधक को जीवन के सभी दुख-कष्टों से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 18 अक्टूबर से कार्तिक माह की शुरुआत हो चुकी है। इस माह का पहला प्रदोष व्रत 29 अक्टूबर दिन मंगलवार को रखा जाएगा। मंगलवार के कारण इस व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। भौम प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव की पूजा-अर्चना के साथ हनुमानजी की भी पूजा-उपासना भी की जाती है। इसके अलावा कार्तिक माह के पहले प्रदोष व्रत के दिन ही धनतेरस भी मनाया जाएगा। आइए जानते हैं भौम प्रदोष व्रत की सही तिथि

कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत कब है?

द्रिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 29 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर होगा और अगले दिन 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर इसका समापन होगा। इसलिए प्रदोष काल पूजा मुहूर्त को ध्यान में रखकर 29 अक्टूबर को प्रदोष व्रत रखा जाएगा।

प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त : 29 अक्टूबर 2024 को शाम 05 बजकर 17 मिनट से लेकर रात 07 बजकर 56 मिनट तक प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त बन रहा है।

पूजा सामग्री : सफेद फूल, फल, आक के फूल, सफेद मिठाई, बेलपक्ष,धतूरा, भांग, कपूर, धूप-दीप, शुद्ध घी, सफेद वस्त्र समेत पूजा की सभी चीजे एकत्रित कर लें।

भौम प्रदोष व्रत की पूजाविधि :

प्रदोष व्रत के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े धारण करें। घर में पूजा घर की साफ-सफाई करें। मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करें। शिवलिंग पर जल अर्पित करें। बेलपत्र,फल, फूल इत्यादि चढ़ाएं। अब शिव परिवार की प्रतिमा के समक्ष दीपक प्रज्ज्वलित करें और विधिविधान से भोलेनाथ की पूजा करें। इसके बाद सायंकाल प्रदोष मुहूर्त में पूजा की तैयारी करें। संभव हो, तो शिव मंदिर जाएं। शिवलिंग की पूजा करें। शिवलिंग पर कच्चे दूध में जल मिलाकर अर्घ्य दें। धूप,दीप जलाएं और शिवजी की आरती उतारें। इसके अलावा हनुमानजी की भी पूजा करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी बूंदी या बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को धन से जुड़ी सभी दिक्कतो छुटकारा मिलता है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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