Kartik Amavasya 2024 Date: आज है कार्तिक अमावस्या? स्नान-दान से मिलेगा अक्षय पुण्य, जानें मुहूर्त
- Kartik Amavasya 2024 Muhurat : कार्तिक अमावस्या के दिन स्नान-दान के कार्य पुण्य फलदायी माने गए हैं। इस दिन पितरों की आत्माशांति के लिए श्राद्ध,पिंडदान और ब्राह्मण भोज कराया जाता है।
Kartik Amavasya 2024 Date: कार्तिक अमावस्या किन स्नान-दान के कार्य महत्वपूर्ण माने गए हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से प्रभु श्रीहरि विष्णु प्रसन्न होते हैं और सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं। कार्तिक अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की मोक्ष प्राप्ति और उनकी आसीर्वाद पाने के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है। यह दिन पितरों की पूजा और तर्पण के लिए उत्तम समय होता है। मान्यता है कि इस दिन पितरों को प्रसन्न करके पितृ दोष से मुक्ति पाया जा सकता है। आइए जानते हैं कार्तिक अमावस्या की सही तिथि,स्नान-दान का मुहूर्त और दान सामग्री...
कार्तिक अमावस्या 2024 : द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर हुई थी और 1 नवंबर को 06 बजकर 16 मिनट पर होगी। इस साल तिथियों के घटने-बढ़ने के कारण दो दिन 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को दिवाली मनाई जा रही है। हालांकि, उदयातिथि के अनुसार, 1 नवंबर को ही कार्तिक अमावस्या है।
कार्तिक अमावस्या स्नान-दान मुहूर्त : कार्तिक अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान दान किया जाता है। स्नान के बाद ही दान-पुण्य के कार्य शुभ माने जाते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त : 04:41 ए एम से 05:33 ए एम तक
प्रातः सन्ध्या 05: 07 ए एम से 06:25 ए एम
अभिजित मुहूर्त : 11:33 ए एम से 12:17 पी एम तक
गोधूलि मुहूर्त : 05:25 पी एम से 05:51 पी एम तक
विजय मुहूर्त : 01:45 पी एम से 02:29 पी एम तक
निशिता मुहूर्त: 11:29 पी एम से 12:21 ए एम, नवम्बर 02
अमृत योग :05:42 पी एम से 07:29 पी एम
प्रीति योग : 1 नवंबर को सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक प्रीति योग रहेगा। अगर आप ब्रह्म मुहूर्त में स्नान न कर पाएं, तो प्रीति योग में सुबह 10:41 पीएम तक स्नान कर सकते हैं। प्रीति योग में स्नान दान के कार्य शुभ माने जाते हैं।
कार्तिक अमावस्या पर क्या दान करें?
कार्तिक अमावस्या के दिन स्नान के बाद कंबल, अन्न,धन, भोजन आदि चीजों का दान पुण्य फलदायी माना गया है। इस दिन सुबह स्नान के बाद पितरों को तर्पण दें। इसके साथ ही पितरों की आत्मा शांति के लिए पिंडदान, श्राद्द, ब्राह्मण भोज और पंचबलि कर्म भी कर सकते हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।