कार्तिक में भगवान को तुलसी चढ़ाने से मिलता है 10 हजार गोदान का पुण्य
- सनातन धर्म में तुलसी का पौधा हमेशा से आस्था का केंद्र रहा है। कार्तिक माह में भगवान श्रीहरि की पूजा में तुलसी चढ़ाने का फल 10 हजार गोदान के बराबर माना गया है।
कार्तिक मास स्नान का मिलेगा अनंत फल, कल से शुरू पावापुरी, निज संवाददाता। हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्त्व है। यह मास 18 अक्टूबर शुक्रवार से शुरू हो रहा है। इस दौरान स्नान, दान, व्रत और पूजा-अर्चना का विशेष महत्त्व होता है। तीज-त्यौहार हो या पूजा-पाठ हर काम में इस पवित्र पौधे की पत्तियों को इस्तेमाल किया जाता है। विशेषकर कार्तिक माह में तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस पवित्र मास में गंगा स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को अनंत फल की प्राप्ति होती है। इस महीने के दौरान किए गए धार्मिक कार्यों का पुण्य कई गुणा बढ़ जाता है। पंडित सूर्यमणि पांडेय ने बताया कि कार्तिक मास को भगवान विष्णु और भगवान शिव की आराधना का विशेष समय माना गया है।
सनातन धर्म में तुलसी का पौधा हमेशा से आस्था का केंद्र रहा है। कार्तिक माह में भगवान श्रीहरि की पूजा में तुलसी चढ़ाने का फल 10 हजार गोदान के बराबर माना गया है। पूरे कार्तिक मास में ही तुलसी के सामने दीपक जलाना चाहिए लेकिन यदि किसी कारणवश दीपक नहीं जलाया है तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूरे 31 दीपक जलाकर अपने घर और गृहस्थी के लिए सौभाग्य की कामना करनी चाहिए। ठा. राधादामोदर मंदिर के सेवायत कृष्णबलराम गोस्वामी ने बताया कि कार्तिक मास में सप्तदेवालयों में नियम व्रत सेवा महोत्सव अंतर्गत देश-विदेश से आए भक्त सुबह से ही भगवान की सेवा पूजा के साथ-साथ तुलसी पूजन अर्चन एवं तुलसी नामाष्टक का पाठ कर रहे हैं। नहीं शाम को तुलसी के समक्ष दीपदान कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।
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