Weekly Panchang: 20-26 सितंबर के बीच ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति में बड़ा फेरबदल देखने को मिलेगा। सबसे पहले 21 सितंबर को बुध का नक्षत्र परिवर्तन होगा और फिर शुक्र नक्षत्र परिवर्तन करेंगे। इस सप्ताह तृतीया से दशमी श्राद्ध तिथियां पड़ेंगी। जितिया व्रत भी रखा जाएगा। जानें इस सप्ताह का पंचांग-
Jivitputrika vrat 2024: हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत को कठिन व्रतों में से एक माना गया है। यह व्रत संतान की सलामती के लिए माताएं करती हैं। जानें सितंबर में कब है जितिया व्रत-
संतान की सलामती के लिए जीवित्पुत्रिका पुत्र रखते हैं, जो अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को रखा जाता है। इस साल यह किस दिन रखा जा रहा है यहां जानें
Jivitputrika Vrat 2024 Kab hai: मान्यता है कि संतान के रखे जाने वाले व्रतों में से यह कठिन व्रत है। यह व्रत 24-36 घंटे का निर्जला रखा जाता है। जानें जितिया व्रत का शुभ मुहूर्त-
Jivitputrika vrat 2024 date: जितिया व्रत संतान के लिए रखा जाने वाला सबसे मुश्किल व्रतों में से एक है। इस व्रत में महिलाएं 24-36 घंटे का निर्जला व्रत करती हैं। जानें जितिया व्रत का शुभ मुहूर्त-
Jivitputrika Vrat 2024 Date and Time: जीवित्पुत्रिका व्रत में माताएं अपने संतान की सुरक्षा व स्वास्थ्य के लिए पूरे दिन व पूरी रात निर्जला रहती हैं। जानें इस साल कब है जितिया व्रत-
जितिया पर्व पर बिहार में स्नान के दौरान 22 लोगों की मौत हो गई। ये घटनाएं अलग-अलग जिलों की है। आरा में नहाने के दौरान 5 लड़कियां सोन नदी में बह गई। वहीं जहानाबाद में 4, पालीगंज में 3 की मौत हो गई।
Jitiya Vrat 2023 : जितिया व्रत से पहले नहाय खाय और बाद में पारण करने के समय विशेष साग-सब्जियां खाई जाती हैं। ये सब्जियां फिजिकल हेल्थ को मजबूत करने के साथ-साथ मेंटल हेल्थ को मजबूत करने वाले कुछ संदेश
Jivitputrika Jitiya Vrat 2023 Date Time Puja : जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत का बड़ा महत्व है। इस व्रत को माताएं अपने संतान की लंबी आयु, उन्नति, सुखी और स्वस्थ जीवन के लिए रखती हैं।
When is Jitiya Vrat date and pujan muhurat 2023: जितिया व्रत संतान के लिए रखा जाने वाला कठिन व्रतों में से एक है। इस व्रत में महिलाएं 24-36 घंटे का निर्जला उपवास करती हैं। जानें इस खास बातें-
jivitputrika Vrat kab:6 अक्टूबर को निर्जला व्रत, 5 अक्टूबर को नहाय-खाय और 7 अक्टूबर को सुबह 8.22 बजे के बाद पारण करेंगी। वहीं 7 अक्टूबर को व्रत रखने वाली व्रती 6 अक्टूबर को नहायखाय, 8 अक्टूबर को पारण
छठ व्रत की तरह की जीवित्पुत्रिका व्रत का भी नहाय खाय किया जाता है। इसमें व्रती महिलाएं स्नान आदि करने के बाद पूजा-पाठ करके भोजन ग्रहण करती हैं और अगले दिन निर्जला व्रत रखती हैं। नहाय खाय के दिन लहसुन,
6 अक्टूबर को नहाय खाय से शुरुआत होगी जबकि 7 अक्टूबर को पारण होगा। महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए जितिया व्रत रखती हैं। इस व्रत से संतान प्राप्ति के साथ दुखों व परेशानियों से उनकी रक्षा होती है।
Jivitputrika Vrat: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष सप्तमी से लेकर नवमी पर्यन्त यह व्रत किया जाता है। जिसमें सप्तमी के रात्रि में नहाए खाए, जो भिनसर्वा में ओटघन करते हुए एवं नवमी को पारण कर व्रत पूर्ण करती है
Jivitputrika Vrat 2023: इस व्रत को जिउतिया या जीवित्पुत्रिका भी कहा जाता है। यह व्रत अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
इस व्रत को जिउतिया, जितिया, जीवित्पुत्रिका या जीमूतवाहन व्रत भी कहा जाता है। माताएं जीवित्पुत्रिका व्रत संतान प्राप्ति और उनके लंबी आयु की कामना के लिए रखती हैं। इस साल 5 अक्टूबर को नहाए खाए है।
jivitputrika vrat jitiya 2023 kab hai : सुहागिन महिलाएं संतान प्राप्ति व माताएं पुत्र की सुरक्षा के लिए जितिया व्रत रखती है। साथ ही बच्चों की सुख समृद्धि व लम्बी आयु की कामना करती है।
Jivitputrika vrat 2023 kab hai: जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत महिलाएं अपने संतान की खुशहाली के लिए करती हैं। जानें जितिया व्रत का पारण कब होगा और क्या है इसके नियम-
Jivitputrika Vrat ki kahani:उसने कभी उनका सर कटवाकर डब्बे में बंद करा दिया पर वह शीश मिठाई बन जाती और बच्चों का बाल तक बांका न होता. बार बार उसने अपनी बहन के बच्चों और उसके पति को मारने का प्रयास भी क
इस व्रत को करने से महिलाओं के पति की आयु लंबी आयु प्राप्त होता ही है प्रमुख रूप से संतान दीर्घायु होते हैं ।चाहे वह बेटी हो बेटा हो निश्चित रूप से सभी को विधि-विधान पूर्वक सभी स्त्रियों को यह व्रत करन
Jivitputrika, Jitiya vrat date 2023: जीवित्पुत्रिका व्रत को माताएं अपनी संतान के स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और लंबी आयु की कामना के लिए रखती हैं। कुछ जगहों पर इस व्रत जिउतिया व्रत के नाम से भी जानते हैं।
Navami Shradh pitru Paksha 2023: मान्यता है इस दिन केवल महिलाओं का श्राद्ध, तर्पण किया जाता है। मातृ नवमी ऐसी तिथि है जिस दिन भूले बिसरी घर की महिला दिवंगत यानी दादी, नानी, मां आदि का श्राद्ध किया जा
संतान की सुखी जीवन, निरोगता एवं लंबी उम्र के लिए हर साल पितृपक्ष हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि जीवित्पुत्रिका पर्व रखा जाता है। यह व्रत उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और कहीं-कहीं मध्यप
Jivitputrika Vrat 2023: जीवित्पुत्रिका व्रत करने से वंश वृद्धि का वरदान मिलता है। इस व्रत के प्रभाव से संतान पर कभी कोई विपदा नहीं आने की संभावना प्रबल होती है। मिथिला क्षेत्रीय पंचांग अनुसार 05 अक्ट
जो माता आश्विन मास की कृष्णपक्ष की अष्टमी को जीमूतवाहन की पूजा विधि-विधान से करेगी उसकी संतान के संकटों का नाश होगा। पार्वतीजी के अनुरोध पर शिवजी ने उन मृत बालकों को पुनः जीवित कर दिया, इस कारण ही इसे
ऐसी मान्यता है कि जीउतिया व्रत रखने वाली माताओं की संतान दीर्घायु तो होती ही है साथ उनकी हर तरह की परेशानियां भी समाप्त होती हैं। इस व्रत को बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में खास तौर पर करने की परंपरा
Jivitputrika Fast 2023: शास्त्रों के अनुसार, जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत के प्रभाव से संतान प्राप्ति के साथ दुखों व परेशानियों से उनकी रक्षा होती है। जानें इस साल कब है जितिया व्रत-
Jitiya Vrat 2023: हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व है। पुत्र प्राप्ति तथा संतान की दीर्घायु जीवन की कामना के लिए व्रत किया जाता है। जानें इस साल कब है जितिया व्रत-
Vrat Tyogar Ekadashi, Jitya Vrat, Sakat Vrat 2023: नए साल 2023 में संतान की खुशहाली के लिए कई व्रत रखे जाएंगे। आप भी जान लें संतान सप्तमी, सकट चौथ से लेकर जितिया व्रत कब-कब हैं-
Jitiya Vrat : संतान की दीर्घायु, सुखी और निरोगी जीवन के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत, ज्यूतिया या जीमूतवाहन व्रत रखा जाता है। यह व्रत हर वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है।