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कनही नक्षत्र से मिली राहत, 27 से हथिया का प्रवेश

-24 घंटे के दौरान 32 मिलीमीटर बारिश की गयी रिकार्ड पूर्णिया, हिंदुस्तान संवाददाता। कनही नक्षत्र से लोगों को राहत मिली है। 24 घंटे से झमाझम बारिश हो र

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाThu, 26 Sep 2024 01:06 AM
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पूर्णिया, हिंदुस्तान संवाददाता। कनही नक्षत्र से लोगों को राहत मिली है। 24 घंटे से झमाझम बारिश हो रही है। अगले 72 घंटे तक वर्षा के आसार हैं। खासकर जिउतिया व्रतियों ने राहत की सांस ली है। 27 से हथिया नक्षत्र शुरू हो रहा है। हथिया नक्षत्र के शुरुआत में ही अधिकांश स्थानों पर वर्षा के पूर्वानुमान जारी किए गए हैं। इसके बाद चित्रा नक्षत्र आयेगी। हथिया और चित्रा में भी बारिश के आसार हैं। इस बीच बुधवार को सुबह 8:30 बजे तक 16 एमएम वर्षा हुई जबकि 8:30 बजे के बाद 5:30 बजे तक 15.2 एमएम वर्षा हुई इस प्रकार पिछले 24 घंटे के दौरान 32 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई है। इस प्रकार शहर से लेकर गांव तक वर्षा के पानी से जमीन छलछला गया है। अगले 24 घंटे में पूरे सीमांचल समेत तराई वाले प्रदेशों में मेघ गर्जन और वज्रपात के साथ भारी वर्षा के आसार बताए गए हैं। हवा भी 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की चाल से चल सकती है। जारी पूर्वानुमान के अनुसार 26 से 27 सितंबर तक अधिकांश स्थानों पर वर्षा और 28 सितंबर को अनेक स्थानों पर वर्षा होने के आसार हैं। 29 सितंबर को एक दो स्थानों पर वर्षा होगी और 30 सितंबर को कुछ स्थानों पर तथा पहली अक्टूबर को एक दो स्थानों पर वर्षा के पूर्वानुमान जारी किए गए हैं।

इधर, मौसम विभाग में वर्षा को लेकर अलर्ट जारी किया है और कहा है कि आज के संख्यात्मक मॉडल के विश्लेषण के अनुसार मौसम प्रणाली सक्रिय है जिसमें पश्चिम-मध्य और इससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में उत्तर आंध प्रदेश-दक्षिण ओडिशा तटों के पास स्थित निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिमोत्तर दिशा की ओर बढ़ते हुए कमज़ोर हो गया है। हालांकि, इससे संबंधित चक्रवाती परिसंचरण अब दक्षिण छत्तीसगढ़ और इसके आसपास के क्षेत्री में स्थित है और समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैला हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है। उत्तर से दक्षिण बांग्लादेश तक, दक्षिण छतीसगढ़ के ऊपर स्थित उपरोक्त चक्रवाती परिसंचरण से होकर एक द्रोणिका (टफ) गुजर रही है और यह समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैली हुई है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुकी हुई है। उपरोक्त मौसमी घटकों के संयुक्त प्रभाव से राज्य में पूर्वी हवा का प्रवाह बढ़ना शुरू हो चुका है। धीरे-धीरे समस्त प्रदेश में नमीयुक्त पूर्वी हवा के प्रवाह बढ़ने से राज्य में 28 सितंबर तक अधिकांश स्थान पर 10-50 मिलीमीटर वर्षा होने का पूर्वानुमान है। जिसके कारण नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने की अत्यंत संभावना है। ऐसी स्थिति में बाढ़ ग्रस्त इलाकों के जलमग्न होने की संभावना बनी हुई है। वज्रपात से जान-माल एवं पशु हानि की संभावना है। इन परिस्थितियों में बिजली चमकने या गरगराहट की आवाज सुनाई देने पर पक्के घर में शरण लेने की सलाह दी गई है। वर्षा के दौरान नदी में यात्रा करने से बचाने कहां गया है। अलग-थलग पेड़ों के नीचे आश्रय न लें, क्योंकि ये बिजली के सुचालक होते हैं। किसानों को खराब मौसम के दौरान कृषि कार्य की स्थगित करने तथा मौसम साफ होने के उपरांत कृषि कार्य सम्पादित कनने की सलाह दी गई है।

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