संगठन ने अपने बयान में कहा, 'एसएएचएमएस शिक्षक की ओर से हिंदू विद्यार्थी का कलावा काटने को असंवेदनशील और गैरजिम्मेदाराना मानता है। हम लोग इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं।'
बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कैसे एक मुस्लिम को शरिया कानून की बजाय सेकुलर कानून के तहत प्रॉपर्टी में अधिकार दिया जा सकता है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने अगली सुनवाई की तारीख 5 मई तय की है। यह अर्जी केरल की रहने वाली महिला साफिया ने दायर की थी।
शंकराचार्य ने कहा, ‘बांग्लादेश अदूरदर्शिता का परिचय दे रहा है। अगर वहां हिंदुओं पर अत्याचार जारी रहा या उन्हें वहां से खदेड़ा गया, तो बाकी जगहों पर जहां मुस्लिमों की संख्या कम है, वहां उनका क्या होगा?’
एमएलए राजा सिंह ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों रेवंत रेड्डी व एन चंद्रबाबू नायडू से भी अपील की। उन्होंने कहा कि केरल सरकार को पत्र लिखकर भक्तों के ठहरने के लिए आश्रयस्थल बनाने के वास्ते 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की मांग हो।
एफआईआर में कहा गया, ‘आकाश सागर वेदी क्षेत्र में घुस आया और गैर-ईसाई नारे लगाए। उसने मजाकिया तरीके से गैर-ईसाई गीत गाए। यह जानबूझकर और वीडियो में दिखाई देने वाले 2 अन्य लोगों के साथ मिलीभगत से किया गया था।’
'चीफ एडवाइजर्स प्रेस विंग फैक्ट्स' के आधिकारिक फेसबुक पेज ने इस्कॉन बांग्लादेश के अधिकारियों और नाटोर पुलिस से मिली जानकारी का हवाला दिया और कहा कि यह हत्या डकैती के प्रयास के कारण हुई।
शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में सदस्यों ने लोक महत्व के कई मुद्दे उठाए। इनमें बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के विषय की गूंज सबसे अधिक सुनाई दी।
राजधानी में ढाका विश्वविद्यालय के सामने और शाहबाग स्क्वायर में विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाया गया। चटगांव में भी प्रदर्शनकारियों पर हमले की खबर है। इस दौरान 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
इरफान हबीब ने कहा, 'धर्म का अपना अलग स्थान है। इसे राष्ट्रवाद से जोड़ना बुद्धिमानी नहीं है क्योंकि अगर आप एक हजार साल का इतिहास देखें तो कई समुदायों ने एक या दो बार अपना धर्म बदला, लेकिन उन्होंने अपनी राष्ट्रीयता नहीं बदली।'
मोहम्मद यूनुस ने कहा कि उनकी सरकार उन सभी मामलों की जांच कर रही है, जहां धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ हिंसा की गई। उन्होंने कहा, ‘कुछ मामलों में उन्हें हिंसा का भी सामना करना पड़ा है।'