'हिंदुओं की रक्षा करो वरना भुगतने होंगे गंभीर नतीजे', पुरी के शंकराचार्य की बांग्लादेश को चेतावनी
- शंकराचार्य ने कहा, ‘बांग्लादेश अदूरदर्शिता का परिचय दे रहा है। अगर वहां हिंदुओं पर अत्याचार जारी रहा या उन्हें वहां से खदेड़ा गया, तो बाकी जगहों पर जहां मुस्लिमों की संख्या कम है, वहां उनका क्या होगा?’
पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंदजी सरस्वती महाराज ने हिंदुओं के उत्पीड़न को लेकर बांग्लादेश को चेतावनी दी है। गंगासागर मेले में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने इस मामले को लेकर गहरी चिंता जताई। आध्यात्मिक नेता ने धमकी देते हुए कहा कि अगर हिंदुओं पर हमले जारी रहे तो उन्हें गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। उन्होंने कहा, 'बांग्लादेश अदूरदर्शिता का परिचय दे रहा है। अगर वहां हिंदुओं पर अत्याचार जारी रहा या उन्हें वहां से खदेड़ा गया, तो बाकी जगहों पर जहां मुस्लिमों की संख्या कम है, वहां उनका क्या होगा?' उन्होंने कहा कि इसीलिए मैं समुदायों के बीच आपसी सम्मान की जरूरत पर जोर दे रहा हूं।
शंकराचार्य इस दौरान बांग्लादेश को क्षेत्र की साझा विरासत की याद दिलाते नजर आए। उन्होंने कहा कि श्रीलंका और म्यांमार के साथ बांग्लादेश ऐतिहासिक रूप से भारत का हिस्सा था। सरस्वती महाराज ने कहा, 'बंगाल में कई मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थे जिन्होंने विभिन्न परिस्थितियों के चलते धर्म परिवर्तन किया। इसलिए मुसलमानों को यह समझने की आवश्यकता है कि जिनके पूर्वज हिंदू थे, वे वास्तव में उनके अपने रिश्तेदार हैं।' उन्होंने हिंदुओं के लचीलेपन की प्रशंसा की और कहा वे भारी चुनौतियों के बावजूद दृढ़ता से अपने विश्वास को कायम रखा। निश्चलानंदजी सरस्वती महाराज ने मुसलमानों से हिंदुओं के प्रति शत्रुता से बचने की अपील की। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ये शत्रुता जारी रही तो गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।
8 जनवरी तक सांप्रदायिक हिंसा की 2,010 घटनाएं
शंकराचार्य का यह बयान ऐसे समय आया है जब बांग्लादेश सरकार ने हिंसा को लेकर पुलिस की एक रिपोर्ट जारी की। इसके मुताबिक, देश में 4 अगस्त 2024 के बाद अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और बर्बरता की ज्यादातर घटनाएं सांप्रदायिक नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रकृति की थीं। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की प्रेस शाखा ने कहा कि पुलिस ने यह जांच बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के दावे के बाद की। इसमें कहा गया था कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिछले साल 5 अगस्त को देश छोड़कर चले जाने से एक दिन पहले से लेकर इस साल 8 जनवरी तक सांप्रदायिक हिंसा की 2,010 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। बयान के मुताबिक, इन घटनाओं में से 1,769 हमले और तोड़फोड़ से जुड़ी हुई थीं। पुलिस ने दावों के आधार पर अब तक कुल 62 मामले दर्ज किए हैं और जांच के आधार पर कम से कम 35 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।