गुरुग्राम में नगर निगम चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने सात पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को छह साल के लिए निष्कासित किया। निष्कासित होने वालों में करनाल...
हरियाणा महिला कांग्रेस कमेटी ने दीपिका यादव को प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। दीपिका ने 2024 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की ओर से दावेदारी जताई थी। वहीं, राहुल ने कर्नाटक में हुई सीनियर नेशनल...
Haryana State Election Commission: हरियाणा राज्य चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी को झटका दिया है। आयोग ने कांग्रेस की अर्जी खारिज करते हुए निकाय चुनाव EVM से ही करवाने का ऐलान किया है।
बालमुकुंद शर्मा ने हुड्डा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कहा कि उन्होंने बेटे को सेफ करने के लिए पार्टी की ही बलि दे दी। चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ जम कर भड़ास निकाली। यहां तक कि उन्हें पार्टी से निकालने के पत्र पर किए गए हस्ताक्षर को भी फर्जी बताया है।
प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया की सीधे तौर पर सीनियर लीडर कैप्टन अजय सिंह यादव ने आलोचना की थी। उनका कहना था कि चुनाव के बीच में दीपक बाबरिया बीमार थे। वह अस्पताल में एडमिट थे और कामकाज ठप था। यदि ऐसी स्थिति थी तो उन्हें हाईकमान को बताना चाहिए था कि उनका कोई विकल्प देखा जाए।
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के विधायक दामाद चिरंजीव राव रेवाड़ी सीट से हार गए हैं। कांग्रेस के बड़े नेता कैप्टन अजय सिंह यादव के बेटे चिरंजीव इस सीट से कांग्रेस के विधायक थे और चुनाव से पहले कह रहे थे कि विधायक बना दो तो डिप्टी सीएम की कुर्सी रेवाड़ी लेकर आऊंगा।
Kaithal Chunav Result 2024 Update: 25 वर्षीय आदित्य ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी से कॉमर्स स्नातक हैं। वह विवाहित हैं। उनकी कुल संपत्ति 29 करोड़ रुपये से ज्यादा है। उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
कांग्रेस पार्टी से टिकट नहीं मिलने के कारण अंबाला छावनी विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरी चित्रा सरवारा की कांग्रेस पार्टी की सदस्यता को छह साल के लिए रद्द कर दिया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने आज कांग्रेस के कम से कम 10 बागियों को नामांकन वापस लेने पर राजी कर लिया है। एक दशक बाद सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही कांग्रेस को अभी भी कई कद्दावर नेताओं की बगावत का सामना करना पड़ रहा है।
क्या कभी सोचा है कि आखिर ये 'आया राम-गया राम' का मुहावरा आया कहां से? दरअसल ये मुहावरा भी असल में दल-बदल की ही एक फेमस घटना से जुड़ा है।