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बेटे को सेफ करने के लिए कांग्रेस की बलि दी; भूपिंदर हुड्डा पर और भड़के बालमुकुंद शर्मा

  • बालमुकुंद शर्मा ने हुड्डा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कहा कि उन्होंने बेटे को सेफ करने के लिए पार्टी की ही बलि दे दी। चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ जम कर भड़ास निकाली। यहां तक कि उन्हें पार्टी से निकालने के पत्र पर किए गए हस्ताक्षर को भी फर्जी बताया है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 12 Nov 2024 05:04 PM
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कांग्रेस से बाहर किए गए बालमुकुंद शर्मा ने मंगलवार को भूपिंदर सिंह हुड्डा पर सीधा हमला बोला। उन्होंने टीवी डिबेट्स में कहा था कि नेता विपक्ष भूपिंदर हुड्डा के अलावा अन्य नेताओं को बनाया जा सकता है। इसी के कारण उन पर ऐक्शन हुआ और पार्टी से 6 साल के लिए बाहर कर दिए गए। अब बालमुकुंद शर्मा ने हुड्डा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कहा कि उन्होंने बेटे को सेफ करने के लिए पार्टी की ही बलि दे दी। चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने हरियाणा कांग्रेस प्रभारी उदयभान और पूर्व मुख्य मंत्री भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ जम कर भड़ास निकाली। यहां तक कि उन्हें पार्टी से निकालने के पत्र पर किए गए हस्ताक्षर को भी फर्जी बताया है।

बालमुकुंद शर्मा ने दावा किया है कि लेटर पर कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान के प्रिंटेड सिग्नेचर हैं। अब वह इस मामले को लेकर चंडीगढ़ पुलिस के पास जाकर शिकायत करेंगे। वह विधानसभा चुनाव में हारने वाले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा ने अपने बेटे को सेफ करने के लिए कांग्रेस की बलि दी। अपने बेटे को कांग्रेस सांसद बनाने के लिए चार सीटें दे दी। राहुल गांधी चाहते थे कि विधानसभा में आम आदमी पार्टी से गठबंधन हो, लेकिन सांसद जयप्रकाश ने अपने बेटे को कलायत से टिकट दिलवाने के चक्कर में आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं होने दिया।

प्रदेश अध्यक्ष को लेनी चाहिए थी हार की ज़िम्मेदारी

कांग्रेस से बर्खास्त किए जाने पर प्रवक्ता बाल मुकुंद शर्मा ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैं 30 साल से कांग्रेस में हूं। मुझे कुछ दिन पहले पत्र मिला, जिसमें मुझे बर्खास्त कर दिया। जो पत्र जारी किया गया है, उसमें फर्जी साइन हैं। कांग्रेस के चुनाव हारने के बाद हाहाकार मचा था। नैतिकता के आधार पर प्रदेश अध्यक्ष को हार की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। न कि किसी को पार्टी से बर्खास्त किया जाना चाहिए था। चुनाव में हार के बाद मंथन चल रहा था कि प्रदेश अध्यक्ष सहित तमाम लोगों को बदला जाएगा। जिसमें अशोक तंवर को प्रदेश अध्यक्ष बनाने और चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की बात चली।

मुझे कार्यकारी अध्यक्ष बनना था, इसलिए हटा दिया गया

कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में आदित्य सुरजेवाला, दूसरा ओबीसी चेहरा चिरंजीव राव, तीसरा मेरा नाम शामिल था, चौथा भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गुट से शामिल किया जाना था। मेरा नाम कार्यकारी अध्यक्ष के लिए आने पर मुझे निकाल दिया गया। बालमुकुंद ने दावा किया कि मैं इस बात पर आज भी कायम हूं कि कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा नेता प्रतिपक्ष बनेंगे।

क्या आरोप लगाकर बाहर किए गए हैं बालमुकुंद शर्मा

दो दिन पहले हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने जारी किए गए पत्र में लिखा है कि आप पिछले कुछ दिनों से प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया में अपने आपको कांग्रेस पार्टी का प्रवक्ता बता कर डिबेट में भाग ले रहे हैं और कांग्रेस पार्टी के सिद्धांतों के विपरीत जाकर अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं, जबकि आप न तो कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता हैं और ना ही आपको पार्टी में कोई अन्य जिम्मेदारी सौंपी गई है। केवल पार्टी की छवि धूमिल हुई है, बल्कि आपका यह कृत्य पार्टी संविधान की घोर उल्लंघन की श्रेणी में आता है। आपके इस पार्टी विरोधी आचरण के चलते आपको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्षों के लिए तुरंत प्रभाव से निष्कासित किया जाता है।

रिपोर्ट: मोनी देवी

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