हार्दिक पटेल पटेल 2017 के चुनावों के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वह 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा उम्मीदवार के रूप में वीरमगाम विधानसभा सीट से जीत हासिल की।
जामनगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष नंदनी ने यह कहते हुए हार्दिक पटेल एवं अंकित घडिया को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे अपना मामला सिद्ध नहीं कर पाया।
Gujarat Election: दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र की अधिकांश सीटों पर जीत-हार पाटीदार तय करते हैं। इनमें भी दो उपजातियां लेउवा पटेल और कड़वा पटेल हैं। एक ओर जहां गुजरात में लेउवा पटेल 70 फीसदी हैं।
Gujarat Election: साल 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर डॉक्टर तेजश्रीबेन दिलीपकुमार पटेल मैदान में थीं, लेकिन उन्हें कांग्रेस के भरवाड लाखाभाई भीखाभाई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लाखाभाई भीखाभाई ने भारतीय जनता पार्टी के डॉ. तेजश्रीबेन दिलीपकुमार पटेल को 6548 वोटों के मार्जिन से हराया था। 2012 में भी इस सीट पर कांग्रेस की जीत हुई थी।
इसुदान गढ़वी, हार्दिक पटेल तथा जिग्नेश मेवाणी का क्या होगा? इसपर सबकी नजर है। EXIT Poll में बताया जा रहा है कि इसुदान गढ़वी चुनाव हार सकते हैं। एग्जिट पोल में जिग्नेश मेवानी की जीत दिखाई जा रही है।
वीरमगाम सीट से हार्दिक पटेल की जीत आसान नहीं होगी। इस सीट को जाति की राजनीति से मुक्त माना जाता है क्योंकि अल्पसंख्यक समुदाय समेत विभिन्न जातियों व धर्मों के नेता इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
Gujarat Polls: गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हार्दिक पटेल की राह आसान नजर नहीं आ रही है। उनसे उनका समुदाय यानी पटेल समुदाय ही नाराज दिख रहा है।
2017 में हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर भाजपा के खिलाफ जमकर प्रचार कर रहे थे। वहीं दोनों ही नेता अब भाजपा के प्रत्याशी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा के लिए जंग आसान हो गई है।
पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के मेहसाणा जिले में प्रवेश पर लगी रोक को एक साल के लिए हटा लिया है। दरअसल, गुजरात सरकार ने कहा था कि,अगर यह आदेश वापस लिया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।