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BJP विधायक हार्दिक पटेल को 5 साल पुराने केस में राहत, गुजरात की अदालत ने इस मामले में किया बरी

जामनगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष नंदनी ने यह कहते हुए हार्दिक पटेल एवं अंकित घडिया को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे अपना मामला सिद्ध नहीं कर पाया।

Praveen Sharma जामनगर | भाषा, Sat, 11 Feb 2023 02:18 PM
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गुजरात की एक अदालत ने पांच साल पुराने एक मामले में भाजपा विधायक हार्दिक पटेल (BJP MLA Hardik Patel) को शुक्रवार को बरी कर दिया। हार्दिक पटेल पर आरोप था कि एक कार्यक्रम के लिए अधिकारियों द्वारा जिन शर्तों के साथ अनुमति दी गई थी, उनका उल्लंघन करते हुए उन्होंने वहां राजनीतिक भाषण दिया था।

जामनगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष नंदनी ने यह कहते हुए हार्दिक पटेल एवं अंकित घडिया को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे अपना मामला सिद्ध नहीं कर पाया और यहां तक कि शिकायतकर्ता अब सेवानिवृत सरकारी कर्मी शिकायत की सारी बातों से परिचित नहीं है।

जामनगर 'ए' संभाग थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार तब पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के बैनर तले पाटीदार आंदोलन की अगुवाई कर रहे पटेल ने चार नवंबर, 2017 को जामनगर जिले के धातुरपुर गांव में एक रैली में 'राजनीतिक' भाषण दिया था। उसके एक महीने बाद गुजरात विधानसभा चुनाव हुए थे।

उस कार्यक्रम से पूर्व घडिया ने मामलातदार से इस आधार पर अनुमति मांगी थी कि पटेल सभा में शिक्षा एवं समाज सुधार पर भाषण देंगे। अभियोजन पक्ष ने कहा कि अनुमति बस उसी आधार पर दी गई थी।

हालांकि, पटेल पर आरोप लगा कि जिन शर्तों के साथ इस रैली की अनुमति दी गई थी, उनका उन्होंने उल्लंघन करते हुए 'राजनीतिक भाषण' दिया। उन पर और जामनगर के घडिया पर गुजरात पुलिस अधिनियम की धाराओं 36 (ए), 72(2) और 134 के तहत मामला दर्ज किया गया। इन धाराओं का संबंध सरकारी आदेश की अवहेलना से है।

अपने आदेश में मजिस्ट्रेट नंदनी ने कहा कि अभियोजन यह स्पष्ट नहीं कर पाया कि करीब 70 दिनों बाद क्यों एफआईआर दर्ज की गई और पटेल के भाषण वाली सीडी किसके पास थी। आदेश में कहा गया है कि अनुमति की मांग करते हुए जो आवेदन मामलातदार को सौंपा गया उसमें न तो पटेल और न ही घडिया के हस्ताक्षर हैं। मजिस्ट्रेट ने यह भी कहा कि न केवल गवाह बल्कि शिकायकर्ता कीर्ति संघवी को भी भाषण की सामग्री की जानकारी नहीं थी। 

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