कर्नाटक स्टेट बाप काउंसिल ने सीजेआई के अध्यक्षता वाली कॉलेजियम को चिट्ठी लिखकर चार जजों के तबादले के फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया है। वहां बेंगलुरु में वकील संघ ने कामकाज ठप रखा।
निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई संजीव खन्ना के खिलाफ तीखी टिप्पणी की, जिससे विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट धार्मिक युद्ध भड़का रहा है और CJI देश में गृह युद्धों के लिए जिम्मेदार हैं।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के हालिया बयान को लेकर बवाल मच गया है। निशिकांत दुबे ने हाल ही में कहा है कि देश में जितने भी गृह युद्ध हो रहे हैं उन सब के लिए देश के मुख्य न्यायधीश जिम्मेदार हैं।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि मुसलमानों का एक बड़ा वर्ग है जो वक्फ अधिनियम के तहत शासित नहीं होना चाहता। वे अब ट्रस्ट बना सकते हैं। इस पर सीजेआई ने कहा कि यह तो पॉजिटिव बात है।
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ ऐक्ट पर मेगा बहस के दौरान सीजेआई खन्ना ने कहा कि जब हम यहां बैठते हैं, तो हम अपना-अपना धर्म खो देते हैं। यानी हम धर्मनिरपेक्ष हो जाते हैं। इसलिए हमारे लिए दोनों पक्ष एक जैसे हैं।
महतो ने लिखा है कि SSC स्कैम में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद अब राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक मंच से न्यायपालिका के फैसलों की आलोचना की है।
जैन ने CJI खन्ना के सामने दावा किया कि अगर उनको मौका दिया जाए तो वह 48 घंटे में गिनती पूरी करके दिखा सकते हैं।
चीफ जस्टिस ने कहा कि यदि आपको किसी केस को अर्जेंट लिस्ट कराना है तो फिर उसके लिए पत्र लिखें और वह मेरे समक्ष लाया जाए। इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि ऐसा पत्र पहले ही लिखकर जमा किया जा चुका है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि ठीक है फिर जब मेरे पास पत्र आ जाएगा तो मैं जरूरी कदम उठाऊंगा।
सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों ने फैसला किया है कि वे अपनी संपत्ति का ब्योरा देंगे। ये पूरी जानकारी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। 1 अप्रैल को ही सभी न्यायाधीशों की बैठक हुई थी।
अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारत के मुख्य न्यायाधीश की सलाह के बाद जस्टिस वर्मा के तबादले का फैसला किया है।