चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, '42वें संशोधन की पहले भी न्यायिक समीक्षा हो चुकी है। हम यह नहीं कह सकते कि संसद ने जो पहले किया था, वह सब कुछ गलत है।' यही नहीं बेंच का कहना था कि सेकुलरिज्म और सोशलिस्ट की परिभाषा को हमें पश्चिम के चश्मे से नहीं देखना चाहिए।
सीजेआई खन्ना ने कहा, 'मैं एक बात बताना चाहूंगा कि राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (नालसा) का अध्यक्ष रहते हुए मैं पटना गया था और दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ वहां की जेलों का दौरा किया था। इसलिए, मेरे लिए याचिका पर सुनवाई करना उचित नहीं होगा...।'
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कई उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को खारिज करने और अन्य चुनावी अनियमितता का आरोप लगाने संबंधी याचिका पर पहले नोटिस जारी किए थे।
PIL में चिंता जताई गई है कि देश में 39 DRTs में से लगभग ⅓ ट्रिब्यूनल पीठासीन अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण वर्तमान में काम नहीं कर रहे हैं, जिससे बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए ऋण वसूली में तेजी लाने के उनके मूल उद्देश्य को नुकसान पहुंच रहा है।
Supreme Court: उच्चतम न्यायालय में मामलों की सुनवाई के संबंध में शनिवार को एक नया परिपत्र जारी किया गया। परिपत्र के अनुसार, बुधवार और गुरुवार को नियमित सुनवाई वाले मामले सूचीबद्ध नहीं होंगे।
CJI Sanjiv Khanna: सीजेआई पद से रिटायरमेंट के बाद आवास पर 24/7 सुरक्षा रहेगी। साथ ही रिटायरमेंट के बाद अगले 5 साल तक एक पर्सनल सिक्युरिटी गार्ड भी साथ रहेगा। इसके अलावा रिटायर्ड सीजेआई को दिल्ली में टाइप-VII आवास मिलेगा।
CJI Justice Sanjiv Khanna ने पुरानी परंपरा को बदलते हुए कहा कि अब कोई मौखिक उल्लेख नहीं होगा। केवल ई-मेल या लिखित पत्र के जरिए ही तत्काल सुनवाई के लिए अनुरोध स्वीकार किया जाएगा। वजह भी बताने होंगे।
30 साल का युवक वेजेटेटिव स्टेट में है। यानी वह जाग तो रहा है लेकिन अनुभवहीन है। ऐसी स्थिति में मां-बाप उसका खर्च नहीं वहन कर पा रहे थे और इच्छामृत्यु की मांग कर रहे थे। सीजेआई के फैसले के बाद उन्हें बड़ी राहत मिली है।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का चयन करने वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम में प्रधान न्यायाधीश खन्ना के अलावा न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति ए एस ओका शामिल हैं।
सुनवाई के दौरान वकील नेदुम्पारा ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट आम वकीलों के लिए भी होना चाहिए न कि यहां सिर्फ अंबानी और अडानी के मामलों का फैसला एक निश्चित और विशेष तरीके से किया जाना चाहिए।
देश के नए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना आज भी अपने पैतृक घर की तलाश कर रहे हैं। उनके करीबी सूत्रों ने खुलासा किया है कि जब भी वह अमृतसर आते हैं तो वह कटरा शेर सिंह जरूर जाते हैं।
जस्टिस संजीव खन्ना भी खुद से पहले मुख्य न्यायाधीश रहे डीवाई चंद्रचूड़ की तरह ही जजों की फैमिली से आते हैं। उनके पिता जस्टिस देव राज खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट के जज थे। इसके अलावा उनके चाचा एचआर खन्ना भी सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं। इस तरह दो पीढ़ियों की न्यायिक विरासत जस्टिस संजीव खन्ना के साथ है।