Hindi Newsदेश न्यूज़Supreme Court adjourns hearing on Waqf petitions to May 15 as CJI Sanjiv Khanna cited his impending retirement next week

अब अगले CJI करेंगे वक्फ याचिकाओं पर सुनवाई, मौजूदा CJI खन्ना ने क्यों खींचे अपने हाथ

वक्फ याचिकाओं पर मौजूदा चीफ जस्टिस ने सुनवाई से इनकार कर दिया है और कहा है कि चूंकि वह अगले सप्ताह सेवानिवृत हो रहे हैं, इसलिए इस मामले पर अगले मुख्य न्यायाधीश की पीठ सुनवाई करेगी।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 5 May 2025 02:53 PM
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अब अगले CJI करेंगे वक्फ याचिकाओं पर सुनवाई, मौजूदा CJI खन्ना ने क्यों खींचे अपने हाथ

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ याचिकाओं पर सुनवाई 15 मई तक के लिए टाल दी है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने इसे अब अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी आर गवई के हवाले कर दिया है क्योंकि अगले सप्ताह वह रिटायर होने जा रहे हैं। उन्होंने अगले सप्ताह अपनी सेवानिवृत्ति का हवाला देते हुए यह व्यवस्था दी। जस्टिस खन्ना 13 मई को रिटायर होंगे, जबकि जस्टिस गवई 14 मई को देश के अगले मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे।

CJI खन्ना ने सुनवाई स्थगित करते हुए कहा कि मामले में अंतरिम आदेश पारित करने से पहले लंबी सुनवाई की जरूरत है, जबकि वह अगले सप्ताह ही रिटायर हो रहे हैं। इसलिए, इस मामले को अब अगले चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ के पास भेजा जाता है। 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे सीजेआई खन्ना ने कहा कि वह कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित नहीं रखना चाहते हैं।

पिछली सुनवाई पर क्या हुआ था?

पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि पीठ द्वारा चिंता जताए जाने के बाद वह वक्फ कानून के दो प्रमुख पहलुओं पर रोक लगा देगा। केंद्र ने 17 अप्रैल को न्यायालय को सूचित किया था कि वह मामले की सुनवाई की अगली तारीख पांच मई तक ‘‘वक्फ बाय यूजर’’ सहित अन्य वक्फ संपत्तियों को गैर-अधिसूचित नहीं करेगा, न ही केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्ड में कोई नियुक्तियां करेगा।

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केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ से कहा था कि संसद द्वारा उचित विचार-विमर्श के बाद पारित कानून पर सरकार का पक्ष सुने बिना रोक नहीं लगाई जानी चाहिए। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि पहले से पंजीकृत या अधिसूचना के माध्यम से घोषित वक्फ संपत्तियों, जिनमें ‘वक्फ बाय यूजर’ भी शामिल है, को अगली सुनवाई की तारीख तक न तो छेड़ा जाएगा और न ही गैर अधिसूचित किया जाएगा।

ओवैसी की भी याचिका शामिल

इसके बाद पीठ ने केंद्र को कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर प्रारंभिक जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया और मामले की अगली सुनवाई पांच मई के लिए तय की गई थी। याचिकाओं के इस समूह में एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दायर एक याचिका भी शामिल है।

पांच अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद केंद्र ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को पिछले महीने अधिसूचित किया था। वक्फ (संशोधन) विधेयक को लोकसभा ने 288 सदस्यों के समर्थन से पारित किया, जबकि 232 सांसद इसके खिलाफ थे। राज्यसभा में इसके पक्ष में 128 और इसके खिलाफ 95 सदस्यों ने मतदान किया। कई राजनीतिक दलों, मुस्लिम संगठनों और एनजीओ ने अधिनियम की वैधता को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया है।

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