सरकार किसानों के उत्थान के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है। पलामू में एफपीओ का गठन किया गया है, लेकिन किसानों को बीज, उर्वरक और अन्य उत्पादों की गुणवत्ता में कमी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का...
स्थानीय लोक कलाकारों ने प्रशासनिक और सामाजिक उपेक्षा के कारण अपनी समस्याएं साझा की। कलाकारों का कहना है कि सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं मिल रही है और उन्हें जीविकोपार्जन के लिए अन्य कामों की ओर...
रेल ही पलामू में आवागमन का प्रमुख साधन है। रांची के लिए वंदे भारत सहित पर्याप्त ट्रेनों की कनेक्टिविटी नहीं होने से यात्रियों को असुविधा होती है। जिला स्थित प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर बैठने की समुचित व्यवस्था और शौचालयों के अभाव में यात्री अक्सर समस्या से दो-चार होते रहते हैं
दिव्यांग समाज के अभिन्न अंग होते हुए भी पलामू में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। दिव्यांगों के लिए न तो पलामू जिले में अबतक डेडिकेटेड स्कूल, छात्रावास और आवासीय परिसर का निर्माण कराया गया है और न ही उन्हे रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने की कोई अलग से व्यवस्था की गई है।
मेदिनीनगर नगर निगम के वार्ड संख्या तीन में गुरियाही नदी के किनारे स्थित बड़की बैरिया की आबादी तेजी से बढ़ती जा रही है। परंतु नगर निगम क्षेत्र में लाए जाने के सात साल में भी यहां बुनियादी सुविधा सुलभ नहीं कराई जा सकी।