मंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के ससमय कार्यान्वयन में यदि कहीं किसी तरह की बाधा आ रही है तो उसे चिह्नित करते हुए प्राथमिकता के आधार पर दूर कराएं। जिन योजनाओं के संवेदक द्वारा निर्धारित अवधि के अनुसार कार्य नहीं कर रहे है उन पर नियमानुसार कड़ी कर्रवाई करने का निदेश दिया गया।
2008 में कोसी नदी में आई बाढ़ ने बिहार में जमकर तबाही मचाई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया था और इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया था। उन्होंने तत्काल 1000 करोड़ का राहत पैकेज भी जारी किया था।
बिहार सरकार की ओर से 562 करोड़ रुपये की लागत से बाढ़ प्रभावित 173 क्षेत्रों में कटाव निरोधक कार्य किए जाएंगे। इन कार्यों को अगले साल मॉनसून सीजन से पहले पूरा कर लिया जाएगा।
नीतीश कैबिनेट की गुरुवार को हुई बैठक में बागमती, महानंदा और कमला नदी पर नए बराज के निर्माण को स्वीकृति दी गई। इन बराज के बनने से उत्तर बिहार और कोसी-सीमांचल के इलाके में बाढ़ से मुक्ति मिलेगी।
पप्पू यादव ने बताया है कि वो हर रोज चार से पांच लाख रुपये बांटते हैं और अब तक जरूरतमंद लोगों की 280 करोड़ से ज्यादा की मदद कर चुके हैं। पप्पू ने कहा कि उनके घर-परिवार और मित्र लोग मदद के लिए पैसे देते हैं।
राज्य में सत्तारूढ़ डीएमके की ओर से इस घटना पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को आर्थिक सहायता देने की घोषणा जरूर की।
मॉडल प्रोजेक्ट के तौर पर चांदन डैम से गाद निकालकर उसके व्यावसायिक उपयोग की अनुमति दी जाएगी। इससे सरकार को रॉयल्टी के रूप में 49 करोड़ रुपये भी मिलेंगे। यह प्रयोग सफल रहा तो अन्य नदियों से भी गाद निकालने का काम होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दरभंगा में जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार की बाढ़ समस्या से निपटने के लिए बजट में विस्तृत योजना की घोषणा की। उन्होंने बिहार की विरासत को सहेजने की जिम्मेदारी का भी जिक्र...
बिहार में पहले चरण में आई बाढ़ से प्रभावित 1.52 लाख किसानों के खाते में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 101 करोड़ की मदद सीधे खाते में पैसा ट्रांसफर करके की। बीते सिंतबर महीने में गंगा, कोशी, गंडक, बागमती नदियां उफान पर थी, जिससे किसानों की फसल बर्बाद हुई थी।
बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए बिहार में जो व्यवस्था है, वैसी पूरे देश में कहीं नहीं हैं। बाढ़ और कटाव का स्थायी निदान हाई लेवल डैम है। जिसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम सोमवार को पटना पहुंची। सात सदस्यीय टीम ने सीतामढ़ी और दरभंगा का जायजा लिया। इस दौरान आपदा प्रबंधन के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की ओर से 3638.50 करोड़ के नुकसान का पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया गया।
बिहार में बाढ़ की क्षति की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से 3638 करोड़ मांगे हैं। केंद्रीय टीम क्षति का आकलन करने 20-21 अक्टूबर को आएगी। आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के खाते में 7-7 हजार रुपये के हिसाब से 225.25 करोड़ रुपये की सहायता राशि भेज चुकी है।
बिहार में बाढ़ से फसल क्षति मुआवजा को लेकर किसानों के आवेदन की जांच में देरी के मामले पर पटना समेक 18 जिला कृषि पदाधिकारियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। 16 जिलों में फसल क्षति सबसे अधिक है। मुआवजे के लिए 229 करोड़ 29 लाख रूपए स्वीकृत किए गए हैं।
बिहार में आई बाढ़ ने तटबंधों को भारी नुकसान पहुंचाया है। 118 किमी तटबंध क्षतिग्रस्त हुए हैं। बाढ़ ने जल संसाधन विभाग के 512 करोड़ रुपए डुबो दिए हैं। पटना में 16, मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र में सात के अलावा वीरपुर और कटिहार प्रक्षेत्र में एक-एक तटबंध क्षतिग्रस्त हुए।
वहीं बताया गया है कि जिले के पांच प्रखंड सुपौल, किशनपुर, सरायगढ़, निर्मली, मरौना के 33 पंचायत के 264 वार्ड के एक लाख 30 हजार 235 आबादी प्रभावित हैं। इसमें सबसे ज्यादा किशनपुर प्रखंड के 57 हजार 135 लोग प्रभावित हैं।
बिहार के जल संसाधन व संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इस वर्ष के केन्द्रीय बजट में पहली बार बिहार की बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के तहत ढेंग, तैयबपुर, अरेराज और डगमारा में बराज निर्माण की योजना बनायी जा रही है।
बाढ़ के कारण सुगौली प्रखंड के बेलवतिया-करमवा रघुनाथपुर सड़क पर आठवें दिन भी आवागमन ठप है। उधर सीतामढ़ी जिले में बाढ़ की स्थिति यथावत बनी हुई है।उधर, दरभंगा में नदियों के जलस्तर में कमी नहीं आने से अब नए इलाकों में बाढ़ का पानी फैल रहा है।
घर में रखे राशन भींग जाने के कारण एक ओर जहां बाढ़ पीड़ितों को खाने के लाने पड़ गए हैं तो दूसरी ओर कागजात के बह जाने या भींग जाने के बाद लोगों को अब भूमि सर्वे की चिंता सताने लगी है।
Flood in Bihar: अधिकांश परिवारों के घर आंगन में बाढ़ का पानी घुस गया है। मधुवाकोला सड़क पर तीन फीट बाढ़ का पानी बह रहा है। सोनामोनी से पिपरा सड़क, धारटोला से हाटटोला सडक एवं फूलटोला में जनवीर के घर से शफील के घर तक सड़क पर बाढ़ का पानी आरपार हो रहा है और जगह-जगह सड़क कट गयी है।
Bihar Flood: इधर उत्तर बिहार के अधिकतर जिलों में नदियां नरम हुई हैं। इसके साथ लोगों में राहत की उम्मीद जगी है। हालांकि, सीतामढ़ी और दरभंगा में बागमती और अधवारा सूमह की नदियां फिर बढ़ने लगी है। इससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों में दहशत है।
पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बिहार में बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए सहायता अभियान तेज किया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण लोगों को भोजन, दवाइयों और चारे की किल्लत हो रही है। अब...
राज्य के 13 जिलों के 4.39 लाख बाढ़ पीड़ित परिवारों को 7-7 हजार रुपए की अनुग्रह सहायता राशि प्रदान की। डीबीटी के माध्यम से पीड़ितों के बैंक खाते में राशि का भुगतान किया गया।
भाजपा प्रवक्ता प्रभाकर कुमार मिश्र ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया कि उनका जनसेवा से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तर बिहार में बाढ़ से भारी तबाही हुई है, जबकि सरकार राहत कार्य...
बाढ़ प्रभावित परिवारों से मिलने आए डीएम को लोगों ने बताया कि बांध से रिसाव हो रहा था तभी विभाग को सूचना दे दी गई। लेकिन मरम्मती कार्य शुरू नहीं कराया गया।
दोनों नदियों के जलस्तर के बढ़ने का क्रम जारी है। बागमती का जलस्तर बढ़ने से हायाघाट नगर पंचायत के घरारी व नयाटोला में सड़कों पर पानी फैल गया है। इन इलाकों का सड़क संपर्क जिला व प्रखंड मुख्यालय से कट गया है।
बिहार में बाढ़ का कहर जारी है। भागलपुर में गंगा नदी लाल निशान 33.68 से महज 10 सेमी नीचे 33.58 मीटर है। गुरुवार को जलस्तर में 24 घंटे में 10 सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। केंद्रीय जल आयोग ने पूर्वानुमान में बताया है कि शुक्रवार को 11 सेमी की वृद्धि संभव है।
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी है कि इंजन फेल होने से हेलिकॉप्टर की बुधवार को मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के मधुबन बेसी गांव में पानी में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी। इससे उसपर सवार चारों लोगों की जान खतरे में आ गयी थी।
Flood In Bihar: मंगली देवी ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या शौचालय की है। आखिर शौच करने कहां जाएं। तटबंध के दोनों तरफ पानी है। ऊपर लोगों की भीड़ दिन-रात रहती है। उसी तटबंध पर लोगों के बीच बेशर्म होकर शौच जाना पड़ता है।
Bihar Flood: सीतामढ़ी में बागमती के जलस्तर में कमी के बाद से बेलसंड व रुन्नीसैदपुर में बाढ़ में कमी आयी है। बेलसंड मुख्यालय से पानी निकल गया है। हालंकि, अब भी निचले इलाके जलजमाव हैं। रुन्नीसैदपुर में भी पानी घटा है।
सीतामढ़ी में बागमती के जलस्तर में कमी के बाद से बेलसंड व रुन्नीसैदपुर में बाढ़ में कमी आयी है। बेलसंड मुख्यालय से पानी निकल गया है। लेकिन, जिले के पुपरी व चोरौत में अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में वृद्धि से बांध पर दबाव है। बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।