2008 की कोसी बाढ़ को देख सहम गए थे मनमोहन सिंह, बिहार के लिए खोल दिया था केंद्र का खजाना
2008 में कोसी नदी में आई बाढ़ ने बिहार में जमकर तबाही मचाई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया था और इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया था। उन्होंने तत्काल 1000 करोड़ का राहत पैकेज भी जारी किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बिहार की कोसी नदी में साल 2008 में आई बाढ़ की भयावहता को देख सहम गए थे। उन्होंने कोसी बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करते हुए पीड़ितों की मदद के लिए केंद्र सरकार का खजाना खोल दिया था। बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने 1000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज जारी किया था। उस समय नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने बाढ़ प्रभावित लोगों को भूखमरी से बचाने के लिए 1 लाख टन अनाज की मांग की थी। मनमोहन सरकार ने इससे ज्यादा 1.25 लाख टन अनाज बिहार को भिजवाया था।
बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी नदी ने अगस्त 2008 में भयंकर तबाही मचाई थी। कोसी नदी ने अपना रास्ता बदल दिया और तटबंध टूट गया था। इसका पानी आबादी क्षेत्रों में फैल गया। जल प्रलय से सुपौल, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, भागलपुर, खगड़िया और पूर्णिया जिले के सैकड़ों गांव डूब गए थे। बाढ़ की वजह से उस समय 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। 15 जिलों के 25 लाख लोग प्रभावित हुए थे। पड़ोसी देश नेपाल में भी भारी नुकसान हुआ था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की और इस संकट से निपटने के लिए केंद्र की मदद मांगी। 28 अगस्त 2008 को मनमोहन सिंह पूर्णिया पहुंचे। यहां से हेलिकॉप्टर में सवार होकर उन्होंने सुपौल, सहरसा, अररिया और मधेपुरा जिले का हवाई सर्वेक्षण किया।
सर्वे के बाद मनमोहन सिंह ने कहा था कि बिहार की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। फिलहाल राहत के लिए 1000 करोड़ की राशि जारी की जा रही है। बिहार को और पैसे की जरूरत पड़ेगी तो और देंगे। उन्होंने कोसी की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया। भारतीय सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियों ने मैदान में उतरकर लोगों को बचाया था।