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कमला बराज का निर्माण काम 56 फीसदी पूरा, बाढ़ से सुरक्षा और किसानों को सिंचाई की मिलेगी सुविधा

  • कमला बराज बनाने की इस योजना को वर्ष 2020 में मंजूरी मिली और वर्ष 2021 में इसका कार्य प्रारंभ हुआ था। कमला बराज का निर्माण होने से मधुबनी जिले के जयनगर, कलुआही, बासोपट्टी, लदनिया, खजौली और हरलाखी प्रखंडों के किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधा सुनिश्चित होगी।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाMon, 10 March 2025 05:46 AM
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कमला बराज का निर्माण काम 56 फीसदी पूरा, बाढ़ से सुरक्षा और किसानों को सिंचाई की मिलेगी सुविधा

कमला बराज का 56 फीसदी काम पूरा हो चुका है। शेष पर तेजी से काम हो रहा है। यह जानकारी रविवार को जल संसाधन विभाग की ओर से दी गयी। विभाग के अनुसार मिथिला को कमला नदी की बाढ़ से सुरक्षा के साथ-साथ मधुबनी जिले के बड़े इलाके में नहरों के जरिए सिंचाई सुविधा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नेपाल सीमा पर स्थित जयनगर में अत्याधुनिक कमला बराज का निर्माण कराया जा रहा है।

दरअसल, कमला नदी की बाढ़ से सुरक्षा तथा क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कमला वीयर सिंचाई योजना का कार्य वर्ष 1974-75 में कराया गया था। इसके तहत जयनगर में 292.50 मीटर लंबे कमला वीयर का निर्माण कराया गया था। कमला नदी में वर्ष 2019 में 13 जुलाई को आई अप्रत्याशित बाढ़ से हुए नुकसान के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा स्थल निरीक्षण के दौरान बराज निर्माण का निर्देश दिया गया।

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सीएम के निर्देश के बाद विभाग की ओर से कमला वीयर से करीब 100 मीटर डाउनस्ट्रीम में 550 मीटर लंबे आधुनिक बराज के निर्माण की योजना तैयार की गई। इस योजना को वर्ष 2020 में मंजूरी मिली और वर्ष 2021 में इसका कार्य प्रारंभ हुआ था। कमला बराज का निर्माण होने से मधुबनी जिले के जयनगर, कलुआही, बासोपट्टी, लदनिया, खजौली और हरलाखी प्रखंडों के किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधा सुनिश्चित होगी।

इस बराज में ऑटोमेटिक गेट लगाये जा रहे हैं, जिससे किसानों को नियंत्रित तरीके से सिंचाई हेतु जल उपलब्ध हो सकेगा। कमला बराज का निर्माण कार्य पूर्ण होने और नहरों के पुनर्स्थापन के बाद यह बढ़कर 29559 हेक्टेयर हो जाएगा। इस बराज के निर्माण से मिथिला के बड़े इलाके में कमला नदी बाढ़ से सुरक्षा के साथ-साथ जयनगर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इस तरह यह परियोजना बाढ़ प्रबंधन में सुधार, क्षेत्र के किसानों की आय बढ़ाने और विकास को गति देने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी।

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