सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सैलरी, ग्रेच्युटी, पेंशन आदि सुप्रीम कोर्ट सैलरी एंड कंडीशन्स ऑफ सर्विस एक्ट, 1958 के तहत दिए जाते हैं। जबकि, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सैलरी हाईकोर्ट सैलरी एंड कंडीशन्स ऑफ सर्विस एक्ट, 1954 के तहत दिए जाते हैं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश की सैलरी 2 लाख 80 हजार रुपये प्रतिमाह होती है। साथ ही 10 लाख रुपये का फर्निशिंग एलाउएंस, बेसिक सैलरी का 24 फीसदी एचआरए होता है और सम्प्चुअरी एलाउएंस 45 हजार रुपये प्रति माह होता है। 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी होती है।
एपेक्स कोर्ट के जजों को प्रति माह 2 लाख 50 हजार रुपये सैलरी के तौर पर मिलते हैं। साथ ही 8 लाख रुपये का फर्निशिंग एलाउएंस, बेसिक सैलरी का 24 फीसदी एचआरए और 34 हजार रुपये प्रति माह सम्प्चुअरी एलाउएंस होता है। रिटायरमेंट के बाद उन्हें 15 लाख रुपये प्रति वर्ष और डीए अलग से मिलता है। साथ ही ग्रेच्युटी 20 लाख रुपये की होती है।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी 2 लाख 50 हजार रुपये सैलरी के तौर पर मिलते हैं। साथ ही 8 लाख रुपये का फर्निशिंग एलाउएंस, बेसिक सैलरी का 24 फीसदी एचआरए और 34 हजार रुपये प्रति माह सम्प्चुअरी एलाउएंस होता है। रिटायरमेंट के बाद उन्हें 15 लाख रुपये प्रति वर्ष और डीए अलग से मिलता है। साथ ही ग्रेच्युटी 20 लाख रुपये की होती है।
उच्च न्यायालय के जजों की सैलरी 2 लाख 25 हजार रुपये प्रति माह होती है। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने 13 लाख 50 हजार रुपये प्रतिमाह और डीए अलग से मिलता है। उन्हें 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी मिलती है। उन्हें फर्निशिंग एलाउएंस 6 लाख रुपये बेसिक सैलरी का 24 फीसदी एचआरए और 27 हजार रुपये प्रति माह सम्पचुअरी एलाउएंस मिलता है।