हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली को पांच दिवसीय त्योहार कहा जाता है, जो धनतेरस से लेकर भाई दूज के दिन समाप्त होती है। इस साल 10 नवंबर 2023 को धनतेरस मनाया जाएगा।
धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए वास्तु के कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि वास्तु के इन नियमों का पालन करने से मां लक्ष्मी हमेशा मेहरबान रहती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। आइए जानते हैं-
दिवाली के कई दिन पहले से ही घर की साफ-सफाई शुरू हो जाती है। वास्तु के अनुसार, मां लक्ष्मी के वास के लिए घर की पूर्व दिशा, ईशान कोण और पूर्व दिशा की साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। इन जगहों पर ज्यादा टूटी-फूटी और पुरानी चीजों को एकत्रित ना होने दें।
वास्तु के अनुसार, धनतेरस के दिन घर के मेनगेट की सजावट करते समय स्वास्तिक और मां लक्ष्मी की चरण का चिन्ह जरूर बनाएं। साथ ही मुख्यद्वार पर बंदनवार लगाएं। इसके अलावा मेनगेट के किनारों पर घी का दीपक जलाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है।
वास्तु के अनुसार, उत्तर दिशा कुबेर देवता की मानी जाती है। मान्यता है कि घर के उत्तर दिशा में तिजोरी रखने से धन-दौलत में बरकत होती है और परिवार के सदस्यों के सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है, लेकिन याद रखें कि अलमारी का दरवाजा हमेशा उत्तर दिशा की ओर खुलता हो।
वास्तु के अनुसार, धनतेरस से पहले ही घर में पड़ी पुरानी और बेकार चीजों को घर से बाहर निकाल देना चाहिए। मान्यता है कि इससे वास्तु दोष लगता है और घर की नेगेटिविटी बढ़ती है।
वास्तु के अनुसार, धनतेरस के दिन पीतल, तांबा और चांदी के बर्तन, सोना, झाड़ू, चांदी का सिक्का, गोमती चक्र और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की खरीदारी बेहद शुभ मानी जाती है।
वास्तु के अनुसार, धनतेरस के दिन कैंची, चाकू और धारदार चीजों की खरीदारी नहीं करना चाहिए। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक,दिवाली से पहले ही घर के सभी बेकार नलों की मरम्मत करा लेना चाहिए। मान्यता है कि नल से पानी टपकने पर धन हानि होता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।