PhD scholar killed and cut into pieces like Shraddha murder case delhi body parts thrown into Ganga canal ghaziabad and forest modinagar गाजियाबाद में श्रद्धा मर्डर केस जैसी वारदात, PhD स्कॉलर को आरी से काटा जंगल में फेंके शव के टुकड़े, Ncr Hindi News - Hindustan
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गाजियाबाद में श्रद्धा मर्डर केस जैसी वारदात, PhD स्कॉलर को आरी से काटा जंगल में फेंके शव के टुकड़े

इस जघन्य वारदात को अंजाम देने के बाद उमेश शर्मा ने अंकित के शरीर के टुकड़ों को गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर में गंगा नहर में और डासना में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेव के पास स्थित जंगलों में फेंक दिया। 

Nishant Nandan लाइव हिन्दुस्तान, गाजियाबादThu, 15 Dec 2022 07:49 AM
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गाजियाबाद में श्रद्धा मर्डर केस जैसी वारदात, PhD स्कॉलर को आरी से काटा जंगल में फेंके शव के टुकड़े

अब दिल्ली से सटे गाजियाबाद में श्रद्धा मर्डर केस की तरह ही एक और मामला सामने आया है। यहां के मोदीनगर में एक मकान मालिक ने PhD स्कॉलर की हत्या के बाद उसे टुकड़ों में काट डाला।  बताया जा रहा है कि उमेश शर्मा ने तौलिये से गला घोंटकर 40 साल के अंकित की पहले हत्या कर दी। इसके बाद उमेश शर्मा ने पेड़ काटने में इस्तेमाल होने वाली आरी से अंकित के चार टुकड़े कर दिये। इस जघन्य वारदात को अंजाम देने के बाद उमेश शर्मा ने अंकित के शरीर के टुकड़ों को गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर में गंगा नहर में और डासना में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेव के पास स्थित जंगलों में फेंक दिया। 

पुलिस ने बुधवार को 35 साल के उमेश को मोदीनगर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा है कि उमेश एक निजी अस्पताल में बतौर कंपाउंडर काम करता है। उसने एक कारोबार शुरू करने के लिए अंकित से 40 लाख रुपये लिए थे। लेकिन जब वो पैसा नहीं लौटा सका तो उसने अंकित को मार डालने की योजना बना ली।

दोस्त Whatsapp ग्रुप बना अंकित को खोज रहे थे

अंकित खोलकर के दोस्त काफी परेशान थे क्योंकि पिछले एक महीने से उन्हें अंकित की कोई खबर नहीं मिल रही थी। दोस्तों ने शुरू में सोचा कि अंकित जरूर व्यवस्त होगा। लेकिन जब उसका मोबाइल फोन कई हफ्तों तक स्विच ऑफ मिलने लगा तो दोस्त परेशान होने लगे। जब अंकित अपने बागपत स्थित गृहजिले और मोदीनगर में किराये के मकान में नहीं मिला तब उसके दोस्तों ने एक Whatsapp ग्रुप बनाया। इस ग्रुप का नाम 'अंकित सर्च' रखा गया था। यह ग्रुप नवंबर के महीने में बनाया गया था। हालांकि, कुछ दिनों बाद अंकित के नंबर से दोस्त को मोबाइल फोन पर मैसज आया लेकिन वो कॉल करने पर जवाब नहीं देता था और सिर्फ मैसेज ही भेजता था। 

मकान मालिक पर यूं हुआ शक

अंकित के दोस्तों को उसके मकान मालिक उमेश शर्मा पर उस वक्त शक हुआ जब उसने उन्हें दिखाया कि उसके पास भी अंकित के वही मैसेज आए हैं जो उसने दोस्तों को भेजे थे। आखिरकार 12 दिसंबर को अंकित के दोस्तों ने पुलिस के पास अपनी शिकायत दर्ज कराई। जो मैसेज अंकित के मोबाइल से आया था उसमें 'तू' लिखा था लेकिन दोस्तों का कहना था कि अंकित हमेशा 'आप' ही मैसेज में लिखा करता था।

दोस्त की ली मदद

बुधवार को 35 साल के उमेश को गिरफ्तार किया गया और उसने कबूल किया कि 6 अक्टूबर को उसने अंकित की हत्या तौलिये से दम घोट कर की थी। इसके बाद शर्मा ने पेड़ काटने वाली आरी से अंकित की बॉडी के टुकड़े किये। उसने बॉडी के टुकड़ों को गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर में गंगा नहर तथा डासना में जंगल में फेंका। अंकित से कर्ज लिये पैसे जब उमेश नहीं चुका पाया तब उसने अंकित की हत्या की योजना बनाई। इस काम में उसने अपने दोस्त प्रवेश शर्मा को शामिल किया। प्रवेश शर्मा का इस्तेमाल अंकित के बैंक अकाउंट से कैश निकालने के लिए किया गया था। पुलिस ने प्रवेश को भी गिरफ्तार कर लिया है।

शव के टुकड़ों की तलाश

इस मामले में पुलिस को अब तक की जांच पड़ताल में एक आरी मिली है, जिसपर खून के धब्बे हैं। इसके अलावा कुछ अन्य सबूत भी पुलिस के हाथ लगे हैं जो उमेश के कबूलनामे से काफी मिलते-जुलते हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा कि उमेश ने तौलिये और अंकित के कपड़ों में आग लगा दी थी। लेकिन अभी अंकित के बॉडी पार्ट नहीं मिले हैं। पुलिस ने शव के टुकड़ों को खोजने के लिए 10 टीमों का गठन किया है। जल्द ही बॉडी पार्ट की तलाश के लिए गोताखोरों की मदद ली जाएगी। आशंका है कि जंगल में जानवरों ने शव के टुकड़े को नोंचा भी होगा।