नागालैंड में कुत्ते के मांस की बिक्री पर लगा बैन हटा, हाईकोर्ट ने रद्द किया सरकारी आदेश
अदालत ने तर्क दिया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक (एफएसएस) अधिनियम, जिसके आधार पर सरकार ने आदेश जारी किया, कहीं भी प्रतिबंध आदेश जारी करने की किसी शक्ति का उल्लेख नहीं करता है।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय की कोहिमा पीठ ने बुधवार को राज्य में कुत्ते के मांस की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाने के तीन साल पुराने नागालैंड सरकार के आदेश को रद्द कर दिया। नागालैंड सरकार ने 2020 में एक आदेश जारी किया था। इसमें कुत्ते के मांस को बाहर से मंगाने, कुत्तों के व्यापार और बाजारों और डाइन-इन रेस्तरां में कुत्ते के मांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले शुक्रवार को, न्यायमूर्ति मार्ली वानकुंग ने कहा कि राज्य सरकार कुत्ते के मांस पर बिना किसी कानूनी समर्थन के प्रतिबंध नहीं लगा सकती है। न्यायमूर्ति मार्ली वैंकुन की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीते हफ्ते शुक्रवार (2 जून) को यह कहते हुए अपना फैसला सुनाया था कि नगालैंड के मुख्य सचिव ने 4 जुलाई, 2020 को कुत्तों और उनके मांस की बिक्री का जो आदेश पारित किया था वह उनके अधिकार क्षेत्र में ही नहीं आता था।
अदालत ने तर्क दिया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक (एफएसएस) अधिनियम, जिसके आधार पर सरकार ने आदेश जारी किया, कहीं भी प्रतिबंध आदेश जारी करने की किसी शक्ति का उल्लेख नहीं करता है। इससे पहले चार जुलाई 2020 में नगालैंड कैबिनेट ने एक आदेश पारित किया था, जिसमें राज्य के अंदर कुत्तों के मीट पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था। बाद में लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों की ओर से याचिका दायर की गई थी, जिसमें प्रतिबंध के कानूनी आधार और अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी गई थी।