भारी खींचतान और टेंशन के बीच क्यों अनिश्चितकालीन स्थगित हुई LS की कार्यवाही, सोनिया गांधी से है नाता
सोनिया गांधी के बयान को लेकर लोकसभा में आज सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी की। सदन को संबोधित करते हुए स्पीकर ओम बिरला ने सीधे तौर पर सोनिया गांधी का नाम लिए बिना उनके बयान की आलोचना की।

सोनियावक्फ (संशोधन) विधेयक पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी द्वारा की गई टिप्पणियों पर आज (शुक्रवार, 4 अप्रैल को) लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष और सत्ता पक्ष के दलों के बीच सोनिया गांधी के बयान पर तीखी नोकझोंक के बीच सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। यानी राजनीतिक खींचतान और भारी तनाव के बीच बजट सत्र संपन्न हो गया। बजट सत्र का आज आखिरी दिन था। दरअसल, एक दिन पहले यानी 3 अप्रैल को कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने वक्फ संशोधन बिल को "बुलडोजर से पारित" कराया गया बिल करार दिया था, जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
सोनिया गांधी ने बृहस्पतिवार को सरकार पर वक्फ (संशोधन) विधेयक को मनमाने ढंग से पारित कराने का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि यह विधेयक संविधान पर सरेआम हमला है तथा यह समाज को स्थायी ध्रुवीकरण की स्थिति में बनाए रखने की भाजपा की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने संसद भवन परिसर में संपन्न ‘सीपीपी’ की बैठक में दावा किया था, ‘‘कल (बुधवार) वक्फ (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पारित हो गया और आज (बृहस्पतिवार) यह राज्यसभा में लाया जाने वाला है। (लोकसभा में) विधेयक को असल में जबरन पारित किया गया। हमारी पार्टी की स्थिति स्पष्ट है। यह विधेयक संविधान पर सरेआम हमला है। यह हमारे समाज को स्थायी ध्रुवीकरण की स्थिति में बनाए रखने की भाजपा की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।’’
सोनिया गांधी के बयान पर हंगामा
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के इस बयान को लेकर लोकसभा में आज सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी की। सदन को संबोधित करते हुए स्पीकर ओम बिरला ने सीधे तौर पर सोनिया गांधी का नाम लिए बिना उनके बयान की आलोचना की और कहा, "वरिष्ठ कांग्रेस नेता, जो इस सदन के सदस्य रहे हैं और वर्तमान में दूसरे सदन के सदस्य हैं, ने दूसरे सदन के परिसर में बयान दिया है कि वक्फ संशोधन विधेयक को जबरन पारित किया गया। इस विधेयक पर सदन में 13 घंटे 53 मिनट तक चर्चा हुई, जिसमें विभिन्न दलों के 61 सदस्यों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।"
स्पीकर बिरला ने जताया दु:ख
उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि वरिष्ठ नेता ने इतनी व्यापक चर्चा और उचित नियमों के अनुसार विधेयक के पारित होने के बावजूद सदन की प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए हैं। स्पीकर के इस संबोधन के बाद बजट सत्र के अंतिम दिन लोकसभा में तनाव बढ़ गया। कांग्रेस के सांसद हंगामा करने लगे। इस कारण जल्द ही एक घंटे के लिए सदन का कार्यवाही स्थगित कर दी गई। जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दोहराया कि वक्फ संशोधन विधेयक पर रिकॉर्ड 17 घंटे और 2 मिनट तक विस्तृत विचार-विमर्श किया गया था।
रिजिजू ने की थी उचित निर्णय की मांग
रिजिजू ने सोनिया गांधी का नाम लिए बिना दूसरे सदन में की गई टिप्पणी का हवाला दिया और लोकसभा के बारे में कथित तौर पर गलत चित्रण किए जाने पर अध्यक्ष से इस मामले में उचित निर्णय देने का आग्रह किया। उनकी अपील का जवाब देते हुए, लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने फैसला सुनाया कि कांग्रेस नेता द्वारा दिया गया बयान "न तो उचित था, न ही संसदीय लोकतंत्र की गरिमा के अनुरूप था।"
किसी ने नहीं लिया सोनिया गांधी का नाम
हालांकि, न तो बिरला और न ही रिजिजू ने सीधे तौर पर सोनिया गांधी का नाम लिया। गांधी ने बुधवार को अपने बयान में सरकार के विधायी दृष्टिकोण की तीखी आलोचना की थी और विधेयक को संविधान पर हमला बताया था। उन्होंने मोदी सरकार पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को सिलसिलेवार ढंग से नष्ट करने का भी आरोप लगाया और दावा किया कि वह देश को ऐसे भविष्य की ओर ले जा रही है, जहां संविधान केवल कागजों पर मौजूद रहेगा।
क्या कहते हैं सदन के नियम
यह बात काबिले गौर है कि लोकसभा के अध्यक्ष सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता करते हैं, लेकिन उनके पास राज्यसभा के सदस्यों पर ऐक्शन लेने का कोई अधिकार नहीं होता है। संसद का प्रत्येक सदन अपने नियमों के तहत कार्य करता है और संचालित होता है, जिसमें सदस्यों से संबंधित अनुशासनात्मक मामले पूरी तरह से उनके संबंधित पीठासीन अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।