Hindi Newsदेश न्यूज़ISRO set to launch NVS 02 satellite in Jan 2025 more missions planned

स्पाडेक्स के बाद एक और उपलब्धि पर इसरो की नजर, जनवरी में लगाएगा खास शतक

  • इसरो स्पेस डॉकिंग के लिए स्पाडेक्स प्रयोग कर चुका है। अब इसरो की नजर एक खास उपलब्धि पर है। असल में इसरो साल 2025 की शुरुआत एक खास शतक के साथ करने की तैयारी में है। इसरो के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, श्रीहरिकोटाTue, 31 Dec 2024 09:26 AM
share Share
Follow Us on

इसरो स्पेस डॉकिंग के लिए स्पाडेक्स प्रयोग कर चुका है। अब इसरो की नजर एक खास उपलब्धि पर है। असल में इसरो साल 2025 की शुरुआत एक खास शतक के साथ करने की तैयारी में है। इसरो के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। इसके मुताबिक इसरो जनवरी में प्रस्तावित भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के जरिए श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से 100वां प्रक्षेपण करने की उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर लेगा। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि सोमवार को पूरा हुआ पीएसएलवी-सी60 मिशन श्रीहरिकोटा से 99वां प्रक्षेपण था।

इस मिशन के तहत इसरो की ‘स्पेस डॉकिंग’ क्षमता प्रदर्शित करने में मदद के मकसद वाले दोनों अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक अलग हो गए और उन्हें सोमवार देर रात पृथ्वी के निचले वांछित कक्ष में स्थापित कर दिया गया है। एस सोमनाथ ने कहाकि आप सभी ने ‘स्पाडेक्स’ (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट) रॉकेट के शानदार प्रक्षेपण को देखा और यह सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किसी यान का 99वां प्रक्षेपण था इसलिए यह एक बहुत महत्वपूर्ण संख्या है। हम अगले वर्ष की शुरुआत में 100वां प्रक्षेपण करेंगे।

ये भी पढ़ें:क्या होती है स्पेस डॉकिंग, कैसे करती है काम; भारत के अंतरिक्ष मिशन में कितना अहम

अंतरिक्ष विभाग के सचिव सोमनाथ ने पीएसएलवी-सी60 मिशन के तहत ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ अंतरिक्ष यान ‘ए’ और ‘बी’ को वृत्ताकार कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किए जाने के बाद इसरो के भावी प्रक्षेपणों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2025 में हम कई मिशन पूरे करेंगे जिनकी शुरुआत जनवरी के महीने में जीएसएलवी द्वारा (नेविगेशन उपग्रह) एनवीएस-02 के प्रक्षेपण से होगी।

इसरो ने जीएसएलवी के जरिए दूसरी पीढ़ी के ‘नेविगेशन’ उपग्रह एनवीएस-01 का मई 2023 में सफल प्रक्षेपण किया था और फिर इसे सफलतापूर्वक भूस्थैतिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में स्थापित कर दिया। जीएसएलवी यान ने 2,232 किलोग्राम वजनी एनवीएस-01 उपग्रह को भूस्थैतिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में स्थापित कर दिया। एनवीएस-01 भारतीय नक्षत्र-मंडल नेविगेशन (नाविक) सेवाओं के लिए परिकल्पित दूसरी पीढ़ी के उपग्रहों में से पहला उपग्रह है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें