हमेशा पाकिस्तान का समर्थन करने वाला चीन भी इस उपलब्धि पर भारत की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाया।
इसरो ने पिछले 15 दिन में दो स्पेडएक्स उपग्रहों, एसडीएक्स-01 और एसडीएक्स-02 को सफलतापूर्वक डॉक किया है। यह अपने आप में ऐतिहासिक है। यह बात कही है इसरो के नए प्रमुख वी नारायणन ने।
भारत ने अंतरिक्ष में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के स्पैडेक्स मिशन ने ऐतिहासिक ‘डॉकिंग’ में सफलता हासिल की है। भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है…
भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान में एक और बड़ी कामयाबी दर्ज की है, जिसकी खूब सराहना हो रही है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को दो सैटेलाइट को अंतरिक्ष में परस्पर जोड़कर एक सैटेलाइट बनाने का कारनामा कर दिखाया है…
स्पैडेक्स मिशन की सफलता ने भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बराबर कर दिया है। इस सफलता ने भारत के अगले 15 साल के मिशनों की राह भी खोल दी है। 2040 तक के प्लान रेडी हैं।
अंतरिक्ष में तापमान में भारी उतार-चढ़ाव होते हैं। यहां तापमान सैकड़ों डिग्री तक हो सकते हैं, इसलिए पौधों को तापमान में परिवर्तन से बचाने के लिए भी सावधानियां बरतनी पड़ती हैं।
SpaDeX मिशन को इसरो ने 30 दिसंबर, 2024 को लॉन्च किया था। इसमें दो छोटे सैटेलाइट— SDX01 (चेसर) और SDX02 (टारगेट) — को पृथ्वी की निम्न कक्षा में स्थापित किया गया।
जानकारों का कहना है कि अगर कुछ दिनों में स्पेडेक्स मिशन सफल नहीं होता है तो फिर मार्च तक इंतजार करना पड़ेगा। दोनों सैटलाइट्स को जोड़ने की प्रक्रिया में दो बार देरी हो चुकी है।
नारायणन साल 1984 में इसरो से जुड़े थे। अपने लगभग 40 वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने भारत के अंतरिक्ष मिशन में अहम योगदान दिया है। नारायणन एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं।
वी नारायणन का जन्म तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के मेलाकट्टुविलई गांव के गरीब परिवार में हुआ था। उन्होंने शुरुआती शिक्षा सरकारी स्कूल और तमिल माध्यम के हाई स्कूल से ली।
स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पेडेक्स) प्रोजेक्ट पहले ही 7 और 9 जनवरी को डॉकिंग प्रयोगों के लिए घोषित दो समय सीमा को चूक चुकी है। इसरो ने 30 दिसंबर को स्पेडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा था।
यह प्रौद्योगिकी भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं जैसे चंद्रमा पर भारतीय मिशन, चंद्रमा से नमूने वापस लाना, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) का निर्माण और संचालन आदि के लिए आवश्यक है।
स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) मिशन के तहत इसरो ने दो अंतरिक्ष यानों को 230 मीटर की दूरी पर स्थिर अवस्था में रखने में सफलता हासिल की है। इसरो के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दोनों यान की प्रणालियां पूरी तरह सामान्य हैं और सेंसर का विश्लेषण जारी है।
7 और 9 जनवरी को डॉकिंग के दो प्रयास असफल रहे थे, जिसके बाद इसे रोक दिया गया था। लेकिन अब वैज्ञानिकों को पूरा भरोसा है कि यह प्रयोग जल्द ही सफल होगा।
बेंगलुरु में इसरो ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) के तहत दो उपग्रहों को 1.5 किमी की दूरी से करीब लाने की योजना बनाई है। पहले दो बार डॉकिंग प्रयोग टले थे। अब उपग्रहों के बीच विचलन पर काबू पा...
बिहार में बाढ़, सुखाड़, शीतलहर और वज्रपात जैसी आपदाओं पर नजर रखने के लिए इसरो की मदद ली जाएगी। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और इसरो के बीच शनिवार को समझौता पत्र पर हस्ताक्षर होंगे। इस समझौते से आपदाओं की...
रक्षा-अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत का भविष्य उज्जवल: राज्यपाल दिल्ली में आयोजित एसआईए-इंडिया द्वारा आयोजित डैफसेट-2025
इसरो ने चंद्रमा से मिट्टी लाने की दिशा में महत्वपूर्ण डॉकिंग प्रयोग को फिर से स्थगित कर दिया है। यह प्रयोग पहले 7 जनवरी को होना था, लेकिन अत्यधिक विचलन के कारण इसे 9 जनवरी को करने की योजना थी। दोनों...
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 9 जनवरी को दो उपग्रहों का उपयोग करके अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग करेगा। यह प्रयोग भारत को अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में चौथा देश बना सकता है। अगर सफल रहा, तो यह चंद्रमा से...
तिरुवनंतपुरम में, वी नारायणन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि इसरो चंद्रयान-4 और गगनयान जैसे महत्वपूर्ण मिशनों पर काम कर रहा है। उन्होंने...
ISRO New Chairman: भारत सरकार द्वारा वी. नारायण को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का नया अध्यक्ष घोषित किया गया है। वी. नारायण 14 जनवरी 2025 को अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव के रूप में पद ग्रहण करेंगे।
ISRO New Chairman V Narayanan: विज्ञान के क्षेत्र में डॉक्टर वी नारायणन बड़ा नाम हैं। फिलहाल, वह LPSC यानी लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर के निदेशक हैं। भारतीय अंतरिक्ष संगठन में चार दशक से ज्यादा के अनुभव के दौरान वह कई अहम पदों पर रहे हैं।
इसरो ने अंतरिक्ष में लोबिया के बीज को अंकुरित करवाया और अब इसमें पत्तियां आनी भी शुरू हो गई हैं। इसरो ने इसे मील का पत्थर बताया है। अंतरिक्ष में इंसान की स्थायी मौजूदगी की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है।
इसरो ने बताया कि स्पैडेक्स उपग्रहों का डॉकिंग प्रयोग अब 9 जनवरी के लिए स्थगित कर दिया गया है। डॉकिंग प्रक्रिया में एक खामी पाई गई है, जिसके लिए ग्राउंड सिमुलेशन से सत्यापन आवश्यक है। इस मिशन से भारत...
वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में बीज फूटने का पूरा इंतजाम किया था। इसके लिए कैमरा इमेजिंग, ऑक्सीजन, कार्बनडाईऑक्साइड, तापमान, मिट्टी की आद्रता की निगरानी हुई। सबको संतुलित रखा गया। वैज्ञानिक परीक्षण से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण करने में जुटे हैं।
ग्रामीणों की ही पहले इस पर नजर पड़ी और उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। रिंग वाले इलाके को सुरक्षित कर लिया गया और बाकी मलबे को भी जुटाया जा रहा है।
आंध्र प्रदेश स्थित अंतरिक्ष स्टार्टअप एन स्पेस टेक ने इसरो के पीओईएम-4 प्लेटफॉर्म पर स्वदेशी अल्ट्रा-हाई-फ्रीक्वेंसी संचार प्रणाली का सफल परीक्षण किया। 1 जनवरी को, स्वेचासैट-वी0 द्वारा भेजे गए डेटा...
बिहार में आपदा प्रबंधन और बाढ़ पूर्वानुमान के लिए सेटेलाइट तकनीक का उपयोग किया जाएगा। जनवरी के दूसरे हफ्ते इसरो, मौसम सेवा केंद्र और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बीच करार होने वाला है। इससे बाढ़ और...
आईआईटी बीएचयू को इसरो से छह नए प्रोजेक्ट मिले हैं, जिसमें जाइंट मैग्नेटोरेसिस्टेंस सेंसर्स और मेटाबोलिक बायोमार्कर्स शामिल हैं। ये प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा और अंतरिक्ष मौसम की स्थिति का...
AST SpaceMobile का दावा है कि उनकी सर्विस के लिए विशेष हैंडसेट या टर्मिनल की आवश्यकता नहीं होगी। किसी भी स्मार्टफोन से वॉयस कॉल और इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकेगा।