Hindi Newsदेश न्यूज़I am alive because of Rajiv Gandhi Vajpayee himself told the world the story of their friendship

राजीव गांधी के कारण मैं जिंदा हूं; खुद वाजपेयी ने दुनिया को बताई थी अपनी दोस्ती की कहानी

  • राजीव गांधी 1984 से 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने अपने अधिकारियों को यह निर्देश दिया था कि वाजपेयी इलाज पूरा करने के बाद ही लौटें। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष के नेता थे।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानWed, 25 Dec 2024 10:09 AM
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Atal Bihari Vajpayee: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज 100वीं जयंती है। इस मौके पर उन्हें राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके समाधि स्थल जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। वाजपेयी को याद करने वालों में विपक्ष भी पीछे नहीं है। वाजपेयी के बारे में कहा जाता है कि उन्हें उनकी पार्टी के साथ-साथ विपक्षी दलों के लोग भी उतने ही सम्मान से याद करते हैं। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता राजीव गांधी को आम तौर पर संसद में भाजपा नेताओं के खिलाफ तीखे हमले के लिए जाना जाता था, लेकिन वह भी सदैव अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति विनम्र रहे और उनके लिए विशेष स्नेह रखते थे।

दोनों की मित्रता एक आदर्श बनकर सामने आई, जो आज की राजनीति में एक दुर्लभ उदाहरण है। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद दोनों कद्दावर नेताओं के बीच संबंध बने रहे। अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी किताब "The Untold Vajpayee: Politician and Paradox" में राजीव गांधी के साथ उनकी दोस्ती का जिक्र किया था।

वाजपेयी ने अपनी किताब में इस बात का खुलासा किया कि किस तरह राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए उन्हें अमेरिका में किडनी का इलाज करवाने के लिए उनकी मदद की थी। वाजपेयी लिखते हैं, "राजीव गांधी को जैसे ही मेरे किडनी की समस्या का पता चला, उन्होंने मुझे अपने कार्यालय बुलाया और कहा कि वह मुझे संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) के भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल करेंगे ताकि मैं इसका लाभ उठाकर इलाज करवा सकूं। मैं न्यूयॉर्क गया और यह इलाज ही मुझे जिंदा रखने का कारण बना।"

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आपको बता दें कि राजीव गांधी 1984 से 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने अपने अधिकारियों को यह निर्देश दिया था कि वाजपेयी इलाज पूरा करने के बाद ही लौटें। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष के नेता थे।

1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बातचीत में इस घटना का जिक्र किया। वाजपेयी ने कहा कि हालांकि वह राजीव गांधी के विरोधी थे, लेकिन वह कभी भी उनसे इस तरह बात नहीं कर सकते थे जैसे एक सामान्य राजनीतिक प्रतिद्वंदी से बात की जाती है। उन्होंने केवल यह साझा किया कि राजीव गांधी ने उनके लिए क्या किया।

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