‘जीविका से जुड़ी महिलाओं को नौकरी देने में सरकार विफल
नवादा गांव में महिला अदालत का आयोजन किया गया। ऐपवा और भाकपा माले ने आरोप लगाया कि सरकार ने जीविका समूह से जुड़ी 1.3 करोड़ महिलाओं को रोजगार देने में विफलता दिखाई है। वक्ताओं ने महिला मजदूरी, नर्सिंग...

मुशहरी। नवादा गांव में रविवार को ऐपवा, बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ और भाकपा माले के संयुक्त तत्वाधान में महिला अदालत का आयोजन किया गया। ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव और भाकपा माले की पोलित ब्यूरो सदस्य कॉमरेड मीना तिवारी ने कहा कि जीविका समूह से जुड़ी एक करोड़ 30 लाख से अधिक महिलाओं को रोजगार देने में सरकार विफल है। वक्ताओं ने कहा कि महिलाओं के साथ झूठे वादे करके उनको भ्रमित करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर सरकार महिला संवाद आयोजित कर रही है। रसोइया दया देवी और अनारसी देवी ने कहा कि न्यूनतम मजदूरी से कम पर साल में 10 महीने मात्र 1650 रुपया पर उनसे काम कराया जा रहा है।
नर्सिंग छात्रा वंदना कुमारी ने कहा कि उनका रिजल्ट समय पर नहीं आया, जिससे उसे बहाली में शामिल होने का मौका नहीं मिल रहा है। चिंता देवी ने आंगनबाड़ी सेविका, सहायिकाओं से मामूली पैसे पर काम कराने का जिक्र किया। गीता देवी ने कहा कि पीएचसी में महिला डॉक्टर की कमी रहती है। कृष्णनंदन झा ने कहा कि लाखों महिलाओं ने सहारा में पैसा लगाया, लेकिन सरकार भुगतान कराने में सफल नहीं हो पा रही है। कार्यक्रम में भाकपा माले के जिला सचिव कृष्णमोहन, शत्रुघ्न सहनी, प्रखंड सचिव विमलेश मिश्र, रामनंदन पासवान, विवेक कुमार, रामबली मेहता, नीलकमल, बिजनेस यादव, रानी प्रसाद, परशुराम पाठक मौजूद रहे।
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