मौत से छीन लाया जीवन : झारखंड के मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने बचाई आदिवासी युवक की जान
झारखंड के मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने एक आदिवासी युवक की जान बचाई। युवक की हालत नाजुक थी। वह हांफ रहा था और उसका दम घुट रहा था। डॉ. अंसारी ने तुरंत उसे प्राथमिक उपचार दिया और एंबुलेंस बुलवाई। पूरे रास्ते में मंत्री युवक की स्थिति पर नजर बनाए रहे।

झारखंड के मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने एक आदिवासी युवक की जान बचाई। युवक की हालत नाजुक थी। वह हांफ रहा था और उसका दम घुट रहा था। डॉ. अंसारी ने तुरंत उसे प्राथमिक उपचार दिया और एंबुलेंस बुलवाई। पूरे रास्ते में मंत्री युवक की स्थिति पर नजर बनाए रहे।
झारखंड के रुपायडीह निवासी परेश हेंब्रम अत्यंत गंभीर अवस्था में थे। उन्हें उनके परिजन तत्काल मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के जामताड़ा स्थित आवास लेकर पहुंचे। परेश की हालत अत्यधिक नाजुक थी। वह तेजी से हांफ रहे थे और उनका दम घुट रहा था। परिजनों की हालत रो-रो कर बदहाल थी।
स्थिति की गंभीरता को समझते हुए डॉ. अंसारी ने तुरंत प्राथमिक उपचार दिया और बिना विलंब किए मेडिकल टीम और एंबुलेंस बुलवाई। उन्होंने स्वयं पहल करते हुए परेश को रांची स्थित रिम्स अस्पताल के लिए रवाना किया। पूरे रास्ते में मंत्री जी परेश की स्थिति पर नजर बनाए रहे और अस्पताल पहुंचने तक लगातार स्वास्थ्य जानकारी लेते रहे।
रिम्स में डॉक्टरों की टीम ने तुरंत इमरजेंसी में भर्ती कर इलाज शुरू किया। अब परेश की स्थिति स्थिर है और वह खतरे से बाहर हैं। मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इलाज का पूरा खर्च स्वयं वहन किया और परिवार को आर्थिक सहायता भी प्रदान की।
डॉ. अंसारी ने इस अवसर पर कहा, "मैंने कोई बड़ा कार्य नहीं किया। यह तो मेरा कर्तव्य था। एक डॉक्टर और जनसेवक के रूप में किसी की जान बचाने की जो संतुष्टि होती है, वह शब्दों में नहीं बताई जा सकती। मरीज का कोई धर्म नहीं होता। वह सिर्फ इंसान होता है और मेरे लिए हर जरूरतमंद के दरवाजे खुले हैं। खासकर आदिवासी समाज मेरे दिल में बसता है।" उन्होंने कहा कि जो लोग केवल आलोचना करते हैं, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि समाज सेवा केवल भाषणों से नहीं होती, जमीनी स्तर पर उतरकर ही बदलाव संभव है।