Rahu-Ketu Transit Significant Sam-Saptak Yoga to Impact All Zodiac Signs on November 18 18 साल बाद राहु-केतु करेंगे गोचर, कुंभ और सिंह राशि में बनेगा सम-सप्तक योग, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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18 साल बाद राहु-केतु करेंगे गोचर, कुंभ और सिंह राशि में बनेगा सम-सप्तक योग

18 साल बाद राहु-केतु करेंगे गोचर, कुंभ और सिंह राशि में बनेगा सम-सप्तक योग18 साल बाद राहु-केतु करेंगे गोचर, कुंभ और सिंह राशि में बनेगा सम-सप्तक योग18 साल बाद राहु-केतु करेंगे गोचर, कुंभ और सिंह राशि...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSat, 17 May 2025 10:41 PM
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18 साल बाद राहु-केतु करेंगे गोचर, कुंभ और सिंह राशि में बनेगा सम-सप्तक योग

18 साल बाद राहु-केतु करेंगे गोचर, कुंभ और सिंह राशि में बनेगा सम-सप्तक योग 18 तारीख की शाम 7.35 बजे कुछ राशि की बदल सकती है किस्मत पावापुरी, निज संवाददाता। ज्योतिष प्रेमियों और ग्रहों की चाल पर नजर रखने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन रविवार को आने वाला है। पूरे 18 साल बाद राहु और केतु एक बार फिर कुंभ और सिंह राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। 18 तारीख की शाम 7.35 बजे यह गोचर अपने पूर्ण प्रभाव में होगा। इस गोचर के साथ सम-सप्तक योग भी बनेगा, जो ज्योतिष शास्त्र में एक अत्यंत प्रभावशाली योग माना जाता है।

सम-सप्तक योग तब बनता है, जब दो ग्रह एक-दूसरे से ठीक 180 डिग्री की दूरी पर, यानी आमने-सामने की स्थिति में होते हैं। राहु और केतु, जिन्हें छाया ग्रह कहा जाता है, हमेशा एक-दूसरे के विपरीत दिशा में रहते हैं। लेकिन जब ये दोनों विशिष्ट राशियों में प्रवेश करते हैं और उनका प्रभाव कुछ विशेष नक्षत्रों से जुड़ता है, तो इसका प्रभाव कहीं अधिक व्यापक और निर्णायक हो जाता है। राहु-केतु का गोचर क्यों है खास : पंडित अरविंद पांडेय कहते हैं कि राहु का गोचर कुंभ राशि में होगा, जो प्रगतिशील विचारों, तकनीकी विकास और सामाजिक बदलाव की प्रतीक मानी जाती है। केतु सिंह राशि में प्रवेश करेगा, जो आत्मबल, नेतृत्व और आत्म-साक्षात्कार का प्रतिनिधित्व करती है। इन दोनों के बीच का सम-सप्तक योग सत्ता, समाज, तकनीक और आत्म-चिंतन जैसे क्षेत्रों में बड़े परिवर्तन का संकेत देता है। कुंभ और सिंह में अगले डेढ़ साल तक रहेंगे। इसका सभी 12 राशियों पर व्यापक और गहरा असर होगा। ज्योतिष और पुराणों में राहु-केतु को ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन ये अन्य ग्रहों की भांति भौतिक रूप से मौजूद नहीं हैं। इन्हें छाया ग्रह कहा जाता है। दोनों ग्रहों के असली नाम और महत्व : आचार्य पप्पू पांडेय ने बताया कि राहु का वास्तविक नाम स्वर्भानु था। जबकि केतु को कभी-कभी धूम के नाम से भी जाना जाता है। ये दोनों ग्रह पूरी तरह से आध्यात्मिक और रहस्यमय शक्तियों का प्रतीक हैं। जहां राहु माया, भौतिक सुख, छल और भ्रम का प्रतिनिधित्व करता है, वहीं केतु मोक्ष, वैराग्य और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। ग्रहों पर इसका असर : मेष : राहु के राशि परिवर्तन से भूमि, वाहन और मकान खरीदारी से सुखों की प्राप्ति होगी। साहस, पराक्रम और धन-लाभ में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र में उन्नति के योग, विस्तार और मान-सम्मान में वृद्धि होगी। वृषभ : सहकर्मियों का रूखा स्वभाव आपके लिए परेशानियां पैदा कर सकता है। जॉब में परिवर्तन करने का विचार भी बना सकते हैं, आर्थिक पक्ष पर ध्यान दें। शिवलिंग का जलाभिषेक करें। राहुवक्री चाल से एक राशि में 18 महीने गोचर करता है। ज्योतिषियों की मानें तो हमेशा वक्री चाल से चलता है और यह किसी एक राशि में करीब 18 महीनों के लिए गोचर करता है। राहु के गोचर करने से इन राशियों के जीवन में बदलाव आ सकता है। मिथुन : इनके भाग्य में कुछ उतार तो कुछ चढ़ाव दिखेंगे। कभी आपको भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा, तो कभी बनते-बनते कामों में कई तरह की रुकावटें आने लगेंगी। मकर : यह भाव धन और कुटुंब का कारक माना जाता है। पैतृक कारोबार करने वालों को कड़ी मेहनत के बाद ही मुनाफा होगा। सेहत को लेकर भी सावधानी आपको बरतनी चाहिए। वाणी को नियंत्रण में रखें।करियर में अप्रत्याशित प्रगति, विदेश से लाभ के योग। जरूरतमंदों को जरूरत की चीजें दान करें। करियर में अप्रत्याशित प्रगति, विदेश से लाभ के योग। मीन : राहु का गोचर आपके द्वादश भाव में होगा। कुछ लोगों को न चाहते हुए भी नौकरी छोड़नी पड़ सकती है। विदेशों में या विदेशी कंपनियों में काम करने वाले लोगों को उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा। गलत संगति से आपको बचकर रहना चाहिए, नहीं तो इस अवधि में मानहानि होने की भी आशंका है। आर्थिक दृष्टि से अच्छा समय, नई योजनाओं में सफलता। इन्हें बरतनी होगी सावधानी : वृषभ और वृश्चिक राशि वालों को संयम से काम लेना चाहिए। इस समय अचानक स्थितियां बदल सकती हैं, जिससे मानसिक दबाव या भ्रम की स्थिति बन सकती है। तुला राशि वालों को स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा और किसी भी प्रकार की जल्दबाजी से बचना चाहिए। क्या करें इस समय : ध्यान और मेडिटेशन से मानसिक स्पष्टता मिलेगी। किसी भी बड़े फैसले में अनुभवी सलाहकार की राय जरूर लें। जीवन में संतुलन बनाए रखें और भावनाओं में बहने से बचें। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि राहु-केतु के इस गोचर के कारण आने वाले महीनों में वैश्विक स्तर पर भी राजनीतिक और सामाजिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। व्यक्तिगत जीवन में यह समय आत्मनिरीक्षण और दिशा-परिवर्तन का हो सकता है।

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