ऑनलाइन रोगियों के इलाज में पिछड़ रहा जिले का मॉडल और इस्लामपुर अस्पताल
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ऑनलाइन रोगियों के इलाज में पिछड़ रहा जिले का मॉडल और इस्लामपुर अस्पताल सीएस ने प्रभारियों को ऑनलाइन चिकिसा सुविधा को बेहतर करने का दिया आदेश समीक्षा बैठक में दोषी कर्मियों पर कार्रवाई करने का भी सुनाया फरमान फोटो : सिविल सर्जन : सिविल सर्जन कार्यालय में शनिवार को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ समीक्षा बैठक करते की डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह। बिहारशरीफ, एक संवाददाता। ऑनलाइन चिकित्सा सुविधा देने में जिले का मॉडल अस्पताल और इस्लामपुर दूसरे महीने भी पिछड़ गया है। इसका खुलासा शनिवार को सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ समीक्षा बैठक में हुआ।
उन्होंने सभी प्रभारियों को मरीजों को ऑनलाइन मिलने वाली सुविधाओं को शत-प्रतिशत पूरा करने का आदेश दिया। उन्होंने कोताही बरतने वाले कर्मियों पर कार्रवाई करने की बात कही। सीएस ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सुनिश्चित करें कि मरीजों को मिलने वाली ऑनलाइन स्वास्थ्य सेवाएं शत-प्रतिशत उपलब्ध कराई जाएं। जिन अस्पतालों में लापरवाही पाई जाएगी, वहां संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सिविल सर्जन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी अस्पतालों को आवश्यक संसाधन एवं तकनीकी सुविधाएं प्रदान की गई हैं, ताकि मरीजों को त्वरित और सुलभ इलाज मिल सके। इसके बावजूद कई स्वास्थ्यकर्मी जिम्मेदारी से कार्य नहीं कर रहे हैं, जो चिंता का विषय है। उन्होंने सभी प्रभारियों को निर्देश दिया कि सप्ताह में कम से कम चार स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि अस्पताल में चिकित्सक और अन्य स्टाफ समय पर उपस्थित रहें। उन्होंने बताया कि मुख्यालय को लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में स्थित अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मी समय पर नहीं पहुंचते, जिसके कारण मरीजों को अनुमंडलीय या सदर अस्पताल आना पड़ता है। तीन दिन पहले डीपीएम द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में दो स्वास्थ्य केंद्र बंद पाए गए थे । डॉ. सिंह ने सभी चिकित्सा प्रभारियों को निर्देश दिया कि टीकाकरण, एनसीडी, दवा वितरण, पैथोलॉजी जांच, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड आदि सभी सेवाएं "भव्या" पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज की जाएं। इस डिजिटल प्रणाली का उद्देश्य यह है कि मरीज को अस्पताल पहुंचने से लेकर जांच और दवा लेने तक की पूरी प्रक्रिया 10 से 15 मिनट में पूरी हो जाए, लेकिन कई अस्पतालों में यह प्रक्रिया घंटों खिंचती है, जिससे मरीजों को परेशानी होती की है। बैठक में डॉ. राजीव रंजन, डॉ. प्रेम शंभु, डॉ. उमाकांत, डीपीएम श्याम कुमार निर्मल सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।
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