इंस्पायर अवार्ड मानक : बिहार के 52 हजार बच्चों ने केंद्र को भेजे अपने नवाचार
बिहार के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा छह से दसवीं तक के जिन बच्चों ने राष्ट्रीयस्तर पर अपने नवाचारी आइडिया (Innovative Ideas) को नहीं पहुंचाया है, उनके लिए अभी और मौका है। केन्द्र सरकार के विज्ञान एवं...
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बिहार के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा छह से दसवीं तक के जिन बच्चों ने राष्ट्रीयस्तर पर अपने नवाचारी आइडिया (Innovative Ideas) को नहीं पहुंचाया है, उनके लिए अभी और मौका है। केन्द्र सरकार के विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विभाग द्वारा इंस्पायर अवार्ड मानक प्रतियोगिता में नवाचारों को ऑनलाइन अपलोड करने के लिए तिथि बढ़ा दी गई है। पहले 30 सितम्बर तक ही इस प्रतियोगिता में शामिल हुआ जा सकता था, लेकिन अब 15 अक्टूबर तक ऑनलाइन नवाचार भेजे जा सकते हैं। अच्छी बात यह है कि बिहार से 52 हजार से अधिक बच्चों ने अपने नवाचार इस प्रतियोगिता के लिए शामिल कराए हैं।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की राज्य परियोजना पदाधधिकारी किरण कुमारी ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजकर प्रतियोगिता के विस्तारित तिथि की जानकारी दी है। साथ ही अधिकाधिक बच्चों को इसमें शामिल कराने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि नई पीढ़ी को भविष्य का नवाचारी (इनोवेटर) तथा नवप्रवर्तक बनाने के मकसद से केन्द्र सरकार द्वारा देशभर के छठी से 10वीं के छात्र-छात्राओं के लिए 'इंस्पायर अवार्ड मानक' का आयोजन हर साल करती है। इसमें प्रत्येक साल बिहार के विद्यार्थियों ने मजबूत दावेदारी पेश की है।
जिन बच्चों के आइडिया केन्द्र सरकार द्वारा चुने जाएंगे, उन्हें 10 हजार रुपये दिये जाएंगे, ताकि बच्चे अपने नवाचारी आइडिया का प्रदर्श (मॉडल) बना सकें। केन्द्र सरकार ने पिछले साल इंस्पायर अवार्ड के लिए बिहार के 423 विद्यार्थियों के आइडिया (विचारों) को नवाचार के लिए चयनित किया था। हमेशा की तरह वैशाली आगे, पूर्णिया भी कम नहीं बीईपी के मुताबिक 30 सितम्बर तक बिहार के 52465 विद्यार्थियों ने इंस्पायर अवार्ड के लिए नोमिनेशन किया है, जबकि 221445 नामांकन अनुमानित था।
बिहार से सबसे अधिक वैशाली के 5401 बच्चों ने अपने नवाचार भेजे हैं, जबकि पूर्णिया से 5297, मुजफ्फरपुर से 4396, सारण से 4218, औरंगाबाद से 4192, गया से 3020, दरभंगा से 1002, बांका से 2758, समस्तीपुर से 2808, पटना से 2101 विद्यार्थियों के अपने नवाचार इस प्रतियोगिता के लिए भेजे हैं। इन जिलों का बुरा हाल बच्चों को नवाचार के लिए प्रेरित नहीं कर पाने वाले ऐसे जिले भी हैं जहां से दो-तीन अंकों में प्रविष्टियां हुई हैं। सुपौल से 75, शेखपुरा से 98, कटिहार से 110, भोजपुर से 173, गोपालगंज से 157, जमुई से 160, बक्सर से 175, लखीसराय से मात्र 165 विद्यार्थियों ने अपने नवाचार भेजे हैं।
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