CLAT में नहीं हो पाए सफल, यहां पढ़ें क्लैट के अलावा भी लॉ में करियर के ऑप्शन
रविवार को क्लैट एग्जाम यानी कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट के नतीजे जारी हुए हैं। इस एग्जाम में जो सफल हुए उनके लिए तो अच्छा, लेकिन जो सफल नहीं हुए हैं, उन्हें भी मन छोटा करने की जरूरत नहीं है, यहां हम क्लैट के अलावा भी लॉ में करियर के कई ऑप्शन बता रहे हैं
रविवार को क्लैट एग्जाम यानी कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट के नतीजे जारी हुए हैं। इस एग्जाम में जो सफल हुए उनके लिए तो अच्छा, लेकिन जो सफल नहीं हुए हैं, उन्हें भी मन छोटा करने की जरूरत नहीं है। इस बात को आपको ध्यान रखना चाहिए कि लॉ में अगर आप करियर बनाना चाहते हैं, तो आपकी जर्नी किसी एक परीक्षा से डिफाइन नहीं होती है। कई सफल कानूनी प्रोफेशनल्स ने CLAT पास नहीं की, लेकिन दूसरे ऑप्शन को अपनाकर आज वो सफल हैं। यहां हम क्लैट के अलावा भी लॉ में करियर के कई ऑप्शन बता रहे हैं।
सबसे पहले जान लें कि लॉ में एडमिशन के लिए क्लैट के अलावा कौन से एंट्रेंस एग्जाम है
1.एसएलएटी (सिम्बायोसिस लॉ एडमिशन टेस्ट): पूरे भारत में सिम्बायोसिस लॉ स्कूलों में एडमिशन के लिए यह एंट्रेंस टेस्ट लिया जाता है।
2.एलएसएटी-इंडिया (लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट): जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल सहित कई प्राइवेट लॉ कॉलेजों में एडमिशन के लिए यह एंट्रेंस टेस्ट लिया जाता है।
3,एमएच सीईटी लॉ (महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट फॉर लॉ): महाराष्ट्र में लॉ कॉलेजों में एडमिशन के लिए यह एंट्रेंस टेस्ट लिया जाता है।
अगर आप लॉ में ही करियर बनाना चाहते हैं, तो आप इन ऑप्शन पर भी विचार कर सकते हैं।
तीन साल का एलएलबी प्रोग्राम-कहीं से भी अंडरग्रेजुएट की डिग्री पूरी करने के बाद तीन साल के एलएलबी डिग्री प्रोग्राम में भाग ले सकते हैं, कई यूनिवर्सिटी 3 साल के एलएलबी कोर्स ऑफर करती हैं।
इंटीग्रेटिड फाइव ईयर एलएलबी कार्यक्रम: कुछ यूनिवर्सिटी लॉ के साथ ग्रेजुएट अध्ययन को मिलाकर इंटीग्रेटिड कार्यक्रम पेश करते हैं, जो उनकी अपने एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से आसान होते हैं।
कॉर्पोरेट क्षेत्र: लीगल एडवाइर, अनुपालन अधिकारी और कॉर्पोरेट वकील इस समय डिमांड में हैं।
ज्यूडिशरी: आगे के एग्जाम के साथ, आप मजिस्ट्रेट या न्यायाधीश जैसी भूमिकाओं का लक्ष्य बना सकते हैं।
शिक्षा क्षेत्र: यूनिवर्सिटी या कॉलेजों में लॉ पढ़ाना एक अच्छा ऑप्शन है।
सार्वजनिक सेवा: भारतीय कॉर्पोरेट लॉ सर्विस में या सरकारी सेक्टर में लीगल एडवाइजर के रोल भी इस समय अच्छा ऑप्शन है।
इसके अलावा कंपनी सचिवों या कंपनी सेक्रेटरी को कंपनी चलाने के अहम पहलुओं के साथ-साथ कानूनी मामलों की अच्छी समझ होनी चाहिए
एनजीओ में भी लॉ ग्रेजुएट होते हैं। लॉ स्कूल के ग्रेजुएट्स को संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों आदि के साथ काम करने का मौका मिलता है।
वकील बनने के लिए ग्रेजुएट को एक परीक्षा देनी होती है, जो बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित की जाती है। यह हर साल में दो बार आयोजित किया जाता है।
क्लैट क्या है
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) भारत में 24 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी द्वारा प्रस्तावित अंडरग्रेजुएट (UG) और पोस्ट ग्रेजपएट (PG) लॉ प्रोग्रामों में प्रवेश के लिए एक नेशनल लेवल का एंट्रेंस एग्जाम है।CLAT का आयोजन नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के संघ द्वारा किया जाता है, जिसमें प्रतिनिधि विश्वविद्यालय शामिल होते हैं। कई संबद्ध विश्वविद्यालय और संगठन भी प्रवेश और भर्ती के लिए क्रमशः CLAT परीक्षा का उपयोग करते हैं। इस एग्जाम को पास करने के बाद 2025-2026 में शुरू होने वाले 5 वर्षीय एकीकृत एलएलबी और एलएलएम कार्यक्रमों में सभी प्रवेश CLAT 2025 के माध्यम से होंगे।
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