लोढ़ा बंधुओं के विवाद का हुआ अंत, किन मुद्दों पर बनी सहमति, जानें सबकुछ
- जानकारी के मुताबिक लोढ़ा बंधु- अभिषेक लोढ़ा और अभिनंदन लोढ़ा के अलावा उनकी कंपनियों ने पारिवारिक मध्यस्थता के तहत सभी लंबित विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया है।
रियल एस्टेट के दिग्गज लोढ़ा बंधुओं के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद का अंत हो गया है। 14 अप्रैल को दोनों पक्षों द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि लोढ़ा बंधु- अभिषेक लोढ़ा और अभिनंदन लोढ़ा के अलावा उनकी कंपनियों ने पारिवारिक मध्यस्थता के तहत सभी लंबित विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया है।
किन मुद्दों पर सहमति
आधिकारिक बयान के मुताबिक मैक्रोटेक डेवलपर्स लिमिटेड (एमडीएल), 'लोढ़ा' और 'लोढ़ा ग्रुप' ब्रांड नामों का मालिक है और उन्हें इनका उपयोग करने का विशेष अधिकार है। वहीं, अभिनंदन लोढ़ा, 'हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा' (एचओएबीएल) ब्रांड नाम के मालिक हैं और उन्हें इनका उपयोग करने का विशेष अधिकार है। 'लोढ़ा ग्रुप' और 'हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा' का एक-दूसरे से कोई संबंध नहीं है। बयान में कहा गया है कि अभिनंदन के पास लोढ़ा समूह या एमडीएल या अभिषेक के अन्य व्यवसायों में कोई अधिकार या दावा नहीं है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
31 जनवरी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने लोढ़ा बंधुओं के विवाद को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरवी. रवींद्रन को मध्यस्थ नियुक्त किया था। कोर्ट का लक्ष्य पांच सप्ताह के भीतर समाधान निकालना था। अब विवाद सुलझाने के बाद लोढ़ा बंधुओं की ओर से दिए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है-अभिषेक लोढ़ा और अभिनंदन लोढ़ा, दोनों ही न्यायमूर्ति आरवी. रवींद्रन (सेवानिवृत्त) के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। उनका मध्यस्थता प्रक्रिया में मार्गदर्शन अमूल्य था। हम परिवार के सभी बुजुर्गों और शुभचिंतकों का भी आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने समाधान प्रक्रिया के दौरान सलाह और सहायता की।
कब शुरू हुआ विवाद
रियल एस्टेट के इस विवाद की चर्चा तब शुरू हो गई जब लोढ़ा ग्रुप की रियल एस्टेट कंपनी- मैक्रोटेक डेवलपर्स के प्रबंध निदेशक अभिषेक लोढ़ा ने अपने छोटे भाई की फर्म हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा के खिलाफ 5000 करोड़ का मुकदमा दायर किया था। आरोप के मुताबिक अभिनंदन लोढ़ा गैरकानूनी तरीके से ‘लोढ़ा’ या ‘लोढ़ा ग्रुप’ ब्रांड नाम का इस्तेमाल कर रहे थे। अब इस विवाद का अंत हो गया है।