उदय सिंह ने 2022 में ही चुनाव आयोग में रजिस्टर कराई थी जन सुराज पार्टी, अब जाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष बने
प्रशांत किशोर की बनाई जन सुराज पार्टी को चुनाव आयोग में अपने सहयोगी एसके मिश्रा के जरिए 2022 में ही रजिस्टर करवाने वाले पूर्व सांसद उदय सिंह अब पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए हैं।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से पूर्णिया लोकसभा सीट के दो बार सांसद रह चुके उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने 2022 में ही जन सुराज पार्टी का चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन करवाया लिया था। उदय सिंह अब जाकर उस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए हैं। उदय ने अपने सहयोगी एसके मिश्रा को अध्यक्ष के तौर पर आगे करके पार्टी का पंजीयन तब करवाया था, जब जन सुराज अभियान नाम से प्रशांत किशोर पदयात्रा तो प्लान कर रहे थे लेकिन पार्टी बनाने को तैयार नहीं थे। उदय ने अनुभव के आधार पर जन सुराज नाम से किसी और के पार्टी बनाने के खतरे को खत्म करने के लिए खुद ही अपने लोगों के जरिए पार्टी को आयोग में दर्ज करवा लिया।
प्रशांत किशोर पदयात्रा के दौरान राजनीतिक दल बनाने के मूड में आए तो उदय सिंह ने कागज पर जन सुराज पार्टी नाम से बना-बनाया रजिस्टर्ड दल उन्हें ऑफर कर दिया। उदय सिंह ने ये बात खुद ही मीडिया को इंटरव्यू में बताई थी, जब बीपीएससी आंदोलन के दौरान प्रशांत के अनशन में एक वैनिटी वैन को लेकर विवाद हुआ था। वैन भी उदय सिंह की है जो उन्होंने प्रशांत को इस्तेमाल के लिए दे रखी है।
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उदय सिंह ने मीडिया को पूरी कहानी विस्तार से बताई थी, जिसका सारांश ये है कि प्रशांत किशोर शुरू से पार्टी बनाने के विचार में नहीं थे। वो जन सुराज फाउंडेशन से जनजागरण के लिए पदयात्रा करना चाहते थे लेकिन राजनीतिक दल नहीं बनाने पर अडिग थे। उदय ने कहा था- “हम लोग भी बहुत दिनों से राजनीति में हैं। मेरे दिमाग में ये ख्याल आया कि आज ना कल, हमें राजनीतिक पार्टी बनानी पड़ेगी। जन सुराज एक ऐसा नाम है जो कोई ना कोई उसको ले लेगा, पार्टी बना लेगा और हम लोग घूमते रहेंगे। सारा काम हम लोग जन सुराज फाउंडेशन में करें और उसके बाद पता लगे कि जन सुराज पार्टी हमारे पास है ही नहीं।”
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उदय सिंह ने आगे कहा था- “तो मैंने अपने माध्यम से, अपने लोगों को कहा कि आप जन सुराज फाउंडेशन को इलेक्शन कमीशन में रजिस्टर करवाइए। ये कोई छुपाने की बात नहीं है। लेकिन जन सुराज के नाम मिलने में, मालूम नहीं क्यों, इलेक्शन कमीशन ने करीब एक वर्ष से ज्यादा समय निकाल लिया। नाम ही नहीं दे रहे थे। कि इसमें ये कन्फ्यूजन है। इसमें ये कन्फ्यूजन है। उनकी जो भी सवाल थे, हमने जवाब दिया। अंततोगत्वा उन्होंने माना। हमने रजिस्टर करवाया। हमारे साथ जो हैं एसके मिश्रा, वो इसके अध्यक्ष बने।”
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उदय सिंह ने कहा था- “पार्टी बन गई। जन सुराज फाउंडेशन के तहत प्रशांत की पदयात्रा चलती रही। बाद में वो भी मान गए कि राजनीतिक दल बनाना पड़ेगा। मैं तो पहले से ही कह रहा था। ये लीजिए, राजनीतिक पार्टी बनी हुई है, इसे इस्तेमाल कीजिए। 2 अक्टूबर को उन्होंने अनाउंस किया कि जन सुराज पार्टी बनेगी।” जन सुराज पार्टी रजिस्टर कराने वाले अध्यक्ष एसके मिश्रा के बारे में उदय सिंह ने बताया कि वो कंपनियों के कंपनी सेक्रेटरी हैं और उनके साथ 35 साल से जुड़े हैं।