पप्पू सिंह को जन सुराज पार्टी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया, प्रशांत किशोर का ऐलान
जन सुराज पार्टी ने पूर्णिया के पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को पार्टी का पहला राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना है। प्रशांत किशोर ने कोर कमिटी के फैसले का ऐलान किया। पप्पू ने ही जन सुराज पार्टी नाम से दल रजिस्टर करवाया था।

जन सुराज पार्टी बनने से पहले ही अपने लोगों के जरिए इस नाम से चुनाव आयोग में पार्टी रजिस्टर करवाने वाले पूर्णिया के पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की घोषणा की है। पप्पू सिंह पूर्णिया लोकसभा सीट से दो बार बीजेपी के सांसद रहे हैं। 2019 में जब जेडीयू और भाजपा का दोबारा गठबंधन हुआ और पूर्णिया सीट जेडीयू को चली गई तो पप्पू सिंह कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए थे। प्रशांत ने बताया कि जन सुराज पार्टी की 150 सदस्यों की कोर कमिटी ने बहुमत नहीं बल्कि सर्वसम्मति से तय किया है कि उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे।
कांग्रेस से अलग हो चुके पप्पू सिंह कुछ समय से खुलकर जन सुराज पार्टी और प्रशांत किशोर के साथ हैं। प्रशांत किशोर पटना में जिस बंगले में रहते हैं, वो घर शेखपुरा हाउस पप्पू सिंह का ही है। पप्पू सिंह भी इसी बंगले के एक हिस्सा में रहते हैं और दूसरा हिस्सा जन सुराज पार्टी के दफ्तर के तौर पर प्रशांत किशोर इस्तेमाल करते हैं। जन सुराज पदयात्रा के समय प्रशांत किशोर के संपर्क में आए पप्पू सिंह तब से ही साधन-संसाधन से जन सुराज की मदद कर रहे हैं।
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पप्पू सिंह एक मजबूत राजनीतिक और ब्यूरोक्रेट परिवार से आते हैं। पप्पू सिंह के पिता टीपी सिंह आईसीएस अफसर थे। आजादी से पहले आईएएस को आईसीएस कहते थे। पप्पू की मां माधुरी सिंह भी पूर्णिया से दो बार सांसद रही थीं। उनके भाई एनके सिंह जेडीयू के राज्यसभा सांसद रहे और अब भाजपा के साथ हैं। उनकी एक बहन श्यामा सिंह और बहनोई निखिल कुमार औरंगाबाद से कांग्रेस के सांसद रहे हैं। निखिल कुमार पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा के बेटे हैं।
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बीपीएससी आंदोलन के दौरान जब प्रशांत किशोर के अनशन के दौरान एक वैनिटी वैन पर विवाद हुआ था तब पप्पू सिंह ने सामने आकर बताया था कि वो वैन उनकी है और उन्होंने प्रशांत किशोर को इस्तेमाल करने के लिए इसे दोस्ती-यारी में दिया है। पप्पू सिंह ने तब बताया था कि जब प्रशांत किशोर पदयात्रा कर रहे थे तब वो शुरुआत में राजनीतिक दल बनाने के पक्ष में नहीं थे। पप्पू सिंह ने कहा था कि वो राजनीतिक खेल समझते हैं, इसलिए उन्होंने अपने ही लोगों के जरिए जन सुराज पार्टी के नाम से तब एक दल को चुनाव आयोग में रजिस्टर करा लिया था। पप्पू आशंकित थे कि प्रशांत को परेशान करने के लिए कोई जन सुराज नाम से दल रजिस्टर करवा सकता था।